चंडीगढ़ दिनभर: कथित 34,615 करोड़ों रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में DHFL के पूर्व प्रमोटर कपिल वधावन को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इंकार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के वैधानिक जमानत के फैसले को रद्द कर दिया है. इसके बाद कपिल वधावन और उनके भाई को तुरंत हिरासत में लेने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि “हमें इस बात में कोई झिझक नहीं है कि चार्जशीट दाखिल होने और उचित समय पर संज्ञान लेने के बाद आरोपी अधिकार के रूप में वैधानिक जमानत का दावा नहीं कर सकते. हाईकोर्ट और निचली अदालत ने बहुत गलती की. ट्रायल कोर्ट नियमित जमानत पर नए सिरे से सुनवाई करे.”
गौरतलब है वधावन बंधु 34,615 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं.
सीआरपीसी के तहत अगर जांच एजेंसी 60 या 90 दिनों की अवधि के भीतर किसी आपराधिक मामले में जांच के निष्कर्ष पर आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रहती है तो आरोपी वैधानिक जमानत पाने का हकदार हो जाता है. इस मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज करने के 88वें दिन आरोप पत्र दाखिल किया जिसके बाद निचली अदालत ने आरोपी को जमानत दे दी और दिल्ली उच्च न्यायालय ने आदेश को बरकरार रखा.
वधावन बंधुओं को पिछले साल 19 जुलाई को बैंक धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। 15 अक्टूबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया गया और इस पर संज्ञान लिया गया. मामले में प्राथमिकी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा की गई एक शिकायत पर आधारित थी।