डॉ. तरूण प्रसाद 2023 05 13T114152.276

लॉरेंस और बंबीहा ग्रुप में गैंगवार फिर जारी

लॉरेंस बिश्नोई कस्टडी में, गोल्डी बराड़ विदेश में मोस्ट वांटेड होकर अंडरग्राउंड और अनमोल बिश्नोई विदेश में। बावजूद इसके उनकी तरफ से गैंगवार जारी है। शुक्रवार को लॉरेंस ग्रुप ने गुरलाल बराड़ की मौत का बदला लेने के लिए, उसके कत्ल में जमानत पर आए बंबीहा ग्रुप के गैंगस्टर गुरमीत उर्फ गित्ता का कत्ल करना चाहा। बाइक पर आए दो शूटरों ने उस पर गोलियां चलाई।


गोली गित्ता को तो नहीं लगी, जबकि गोली गीता से साथ खड़े उसके साथी प्रदीप के लगी। प्रदीप को गित्ता ही पीजीआई ले गया, जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। प्रदीप की मौत के बाद खुद गित्ता भी फरार है और खुद पुलिस उसकी तलाश कर रही है। इसके बाद इस कत्ल का पूरा खुलासा हो सकता है। वहीं सीआईए द्वारा मामले में गैंगवार के पहलू पर भी जांच की जा रही है। वारदात शुक्रवार सुबह खरड़ के गांव रूड़की में तब हुई। जब गित्ता चंडीगढ़ जिला अदालत में अपनी पेशी के सिलसिले में जाने के लिए प्रदीप को लेने उसके घर पहुंचा। वे दोनों घर के बाहर ही खड़े थे, तभी लाल शर्ट में दो आरोपी जिन्होंने अपना चेहरा कपड़े के साथ ढका हुआ था। मोटरसाइकिल में आए और अंधाधुंध गोलियां चलाने लगे।

गित्ता बच गया, जबकि प्रदीप की छाती में गोलियां लगी। आरोपी तो फरार हो गए, जबकि गित्ता अपने गांव के युवक परमिंदर को साथ ले खुद ही ट्रैक्टर पर डालकर प्रदीप को पीजीआई ले गए, जहां उसको डॉक्टरों ने मृृत घोषित कर दिया। मामलें की जांच खरड़ सीआईए ने शुरू कर दी है। मृतक प्रदीप को पीजीआई में दाखिल करवाने के आधे घंटे बाद गित्ता ने फोन करने के लिए परविंदर को मोबाइल फोन मांगा और बाहर की और आ गया जब गित्ता वापस नहीं आया तो परविंदर उसे देखने के लिए बाहर गया तो लेकिन गित्ता नहीं मिला और मोबाइल फोन भी बंद आ रहा था।

चंडीगढ़ तारीख पर आ रहा था गित्ता

गांव रूड़की के लोगों ने बताया कि गित्ता पर कई अपराधिक केस दर्ज है और एक बार पहले भी उस गोलियां चल चुकी है। अपराधिक केस में गित्ता की चंडीगढ़ जिला अदालत में शुक्रवार को पेशी थी। वहीं जाने के लिए गित्ता प्रदीप के पास गया था कि उसी दौरान गोली चल गई। वहीं परविंदर की मां चरणजीत कौर ने कहा कि इस समय अपराधी बेखौफ खुलेआम गोलियां चला रहे और पुलिस आराम से बैठी हुई है। जबकि अपराधियों को तो पुलिस से डरना चाहिए लेकिन लगता है डर नाम का शब्द तो अपराधियों के चेहरे पर दिखाई ही देता।

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