दर्जनों एंबुलेंस वैन ट्राइसिटी में घूम रहीं हैं जो बतौर कैब रजिस्टर हैं 22016 में भी हुई थी कार्रवाई, 2दो साल जांच के बाद 11 आरोपियों के खिलाफ 3500 पेजों की चार्जशीट दायर की थी 2उन्हीं लोगों ने जमानत पर आकर फिर सेट किया फर्जी एंबुलेंस का कारोबार

चंडीगढ़ दिनभर
पुलिस ने फर्जी नंबर पर चल रही एक एंबुलेंस को तुरंत कार्रवाई करते हुए काबू कर लिया। इसके लिए पुलिस प्रशासन बधाई की पात्र है। लेकिन अभी तक पीजीआई के आसपास घूम रही उन एंबुलेंस वैन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है जो रजिस्टर तो बतौर कैब हैं, लेकिन एंबुलेंस बनकर चल रही थीं। या वो एंबुलेंस जो निजी नंबर पर चल रही हैं। ऐसी क्या चीज है जो पुलिस को कार्रवाई से रोक रही है। या इन अपराधियों का कद इतना बड़ा है कि पुलिस भी बेबस है। सवाल है पीजीआई में मौजूद पुलिस चौकी इंचार्ज और सेक्टर-11 थाने के एसएचओ से जिनके अधीन ये इलाका आता है।

उनके संज्ञान में ये मामला आया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अगर पुलिस चाहे तो एक दिन में सैकड़ों ऐसी गाडिय़ों को जब्त कर सकती है जो अवैध रूप से चल रही हैं। पीजीआई के आसपास नाका लगा दें और मरीज उतारने के बाद हर एंबुलेंस की जांच करें। ऐसी इक्का दुक्का गाड़ी ही मिलेगी जो नियमों को पूरा कर रही हो। ये अपराधी वर्दी को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। अगर पुलिस चुप रहेगी तो इनके हौसले और बढ़ेंगे। इसलिए यही मौका है इनको कुचलने का। उ मीद है पुलिस इस एंबुलेंस गैंग को खत्म करेगी और उन लोगों को राहत देगी जिन्हें लूट लूट कर ये इतने बड़े हुए हैं।