
केंद्र को राज्य सरकारों के साथ समीक्षा करेगा
नई दिल्ली/ चंडीगढ़। बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा ने तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 5.23 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में गेहूं की फसल को प्रभावित किया है। अधिकारियों ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में गेहूं की फसल को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। केंद्र सोमवार को राज्य सरकारों के साथ समीक्षा करेगा। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने संबंधित अधिकारियों को फसल नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी का निर्देश दिया है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक राजबीर यादव के अनुसार, ‘ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में गेहूं की फसल का नुकसान निश्चित है।
नुकसान की सीमा का पता तभी लगाया जा सकता है जब किसान अपनी उपज मंडियों में पहुंचाएंगे। इस साल गेहूं का रकबा करीब 34 लाख हेक्टेयर है। अधिकारियों ने कहा कि सरकार चालू फसल वर्ष (जुलाई, 2022-जून 23) में रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगा रही है। पंजाब के मोहाली जिले के बदरपुर गांव के किसान भूपेंद्र सिंह ने कहा, ‘खराब मौसम की वजह से गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है। गेहूं की उपज औसतन 20 क्विंटल प्रति एकड़ रहती है। लेकिन इस बार यह घटकर 10-11 क्विंटल रह जाएगी। मध्य प्रदेश के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘फसल का नुकसान बहुत अधिक नहीं है और प्रभावित क्षेत्रों में भी फसल की चमक थोड़ी प्रभावित हुई है। राजस्थान में गेहूं के अलावा सरसों, चने, जौ और अन्य सब्जियों की फसलें प्रभावित हुई हैं। उत्तर प्रदेश में बारिश से 35,000 हेक्टेयर से अधिक गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। सबसे ज्यादा नुकसान आगरा, बरेली, चंदौली, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर, प्रयागराज, उन्नाव और वाराणसी में हुआ है।