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चंडीगढ़ दिनभर। पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा अंडरस्टैंडिंग जेंडर: मेनस्ट्रीमिंग जेंडर इन हायर एजुकेशन पर 66वां कोलोकियम लेक्चर आयोजित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में महिला अध्ययन शोध संस्थान की पूर्व निदेशक प्रो. रीचा तंवर रहीं। प्रो. तंवर लैंगिक अध्ययन में व्यापक अनुभव के साथ एक कुशल पेशेवर हैं। प्रो तंवर ने उपस्थित लोगों को लैंगिक रूढि़वादिता के प्रभाव और उन्हें कैसे चुनौती दी जा सकती है और कैसे दूर किया जा सकता है, के बारे में शिक्षित किया। उन्होंने लैंगिक रूढिय़ों की मनोवैज्ञानिक और सामाजिक जड़ों में अंतर्दृष्टि प्रदान की और उपस्थित लोगों को उनके दैनिक जीवन में रूढि़वादिता को चुनौती देने के लिए व्यावहारिक उपकरण और रणनीतियाँ भी दीं।

उन्होंने उन क्षेत्रों की पहचान करने के लिए जहां लैंगिक असमानता मौजूद है, उच्च शिक्षा संस्थानों में मौजूदा नीतियों और प्रथाओं की व्यापक समीक्षा की। उन्होंने लैंगिक-संवेदनशील वातावरण और पाठ्यक्रम बनाने के लिए सर्वोत्तम अभ्यासों के एक सेट की जानकारी दी। कार्यक्रम के प्रतिभागियों ने प्रो. तंवर के साथ एक समृद्ध बातचीत की, जिसमें लैंगिक मुख्यधारा के विभिन्न पहलुओं को छुआ गया। इस कार्यक्रम में पंजाब विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यशाला चारों ओर एक बड़ी सफलता थी। लैंगिक रूढि़वादिता लोगों की क्षमता को उनके लिंग के आधार पर सीमित करती है और यह असमानता की ओर ले जाती है। इन रूढिय़ों को तोड़कर, हम अधिक न्यायसंगत समाज बना सकते हैं जहां व्यक्तियों को उनके लिंग के बजाय उनकी क्षमताओं और कौशल के लिए महत्व दिया जाता है, कोलोक्वियम समिति की सह-समन्वयक प्रोफेसर मोनिका मुंजियाल ने कहा।

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