चंडीगढ़ दिनभर: दिसंबर में लोकसभा सदस्यता गंवाने के कारण तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा को इस साल सात जनवरी तक बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया था। आठ जनवरी को निदेशालय ने उनसे बंगला न खाली करने के लिए जवाब भी मांगा था। अब इसके आगे कि कार्रवाई के लिए सरकारी बंगला खाली कराने को संपदा निदेशालय की एक टीम शुक्रवार को रवाना की गई। पिछले महीने लोकसभा सदस्यता गंवाने के बाद मोइत्रा को दो बार सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी करा गया है। तीन दिन पहले भेजे नोटिस में यह तक कहा गया था कि अगर मोइत्रा बंगाल खाली नहीं करती हैं तो संपदा निदेशालय की एक टीम भेजी जाएगी, जो सरकारी आवास का खाली कराया जाना सुनिश्चित करेगी। 8 जनवरी को संपदा निदेशालय ने उनसे बंगला न खाली करने के लिए तीन दिन के अंदर जवाब मांगा था। 12 जनवरी को उन्हें एक और नोटिस दिया गया। महुआ मोइत्रा की मुश्किलें ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही हैं, गुरुवार को उनको दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा था जब हाईकोर्ट ने सरकारी बंगला खाली करने के लिए डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट के नोटिस के खिलाफ दाखिल की गई महुआ की याचिका खारिज कर दी थी। इस याचिका में उन्होंने सरकार द्वारा आवंटित बंगले से उनके निष्कासन पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी।
महुआ मोइत्रा के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता बृज गुप्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि निष्कासित सांसद एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं और और आईसीयू में हैं। डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है, इसलिए उन्हें बंगला खाली करने के लिए कुछ समय की जरूरत होगी। महुआ मोइत्रा इसके लिए भुगतान करने को तैयार हैं।