
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने दी अंतरिम जमानत।
प्लॉट आवंटन घोटाले में फंसे कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है, बादल द्वारा दायर की गयी अंतरिम जमानत को मंजूरी मिल गई है। मनप्रीत बादल के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो ने इसी साल 24 सितंबर को बठिंडा में प्लॉट आवंटन घोटाले में केस दर्ज किया था।
विजिलेंस पहले ही बादल की तलाश में करीब छह राज्यों में दबिश दे चुकी है और चंडीगढ़ में उनके घर पर भी छापा मार चुकी है लेकिन कहीं पर भी उनका कोई सुराग नहीं मिला। सतर्कता ब्यूरो ने पूर्व भाजपा विधायक सरूप चंद सिंगला की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की थी, जिसमें बठिंडा में संपत्ति की खरीद में अनियमितता का आरोप लगाया गया था।
सिंगला ने आरोप लगाया था कि पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते हुए मनप्रीत बादल ने दो वाणिज्यिक भूखंडों को अपने लिए आवासीय भूखंड में बदलने की खातिर अपने पद का दुरुपयोग किया था। इस संबंध में धोखाधड़ी और जालसाजी समेत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों में मामला दर्ज किया गया था।
विजिलेंस की रिपोर्ट के अनुसार बादल ने मॉडल टाउन बठिंडा में 1,560 वर्ग गज के दो भूखंड खरीदने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया था, जिससे राज्य के खजाने को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा। इसके जवाब में दायर याचिका में मनप्रीत ने अपने आप को निर्दोष व राजनीतिक बदले का शिकार बताया है।
बादल के अनुसार अगर प्लॉट खरीद मामले में नियमों का उल्लंघन हुआ है तो इसके लिए पूरी तरह से बीडीए अधिकारी जिम्मेदार हैं। जमानत अर्जी के अनुसार मनप्रीत बादल ने बीडीए अधिकारियों पर कोई दबाव नहीं डाला। अगर प्लॉटों की बोली के दौरान ऑनलाइन नक्शे अपलोड नहीं हुए और उक्त प्लॉटों की लोकेशन नहीं मिली तो इसमें याची की कोई गलती नहीं है।