
नवीकरणीय ऊर्जा के हिस्से को 2030 तक 30 फ़ीसद तक बढ़ाने के यत्न जारी: नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा स्त्रोत मंत्री
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। पंजाब के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा ने आज यहाँ बताया कि पंजाब को देश भर में ग़ैर-रिवायती ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से जल्द ही ग्रीन हाईड्रोजन नीति लाई जायेगी। न्होंने कहा कि साल 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग के हिस्से को 30 फ़ीसद तक बढ़ाने के लिए भी ठोस यत्न किये जा रहे हैं और मुख्य लक्ष्य हरेक ऊर्जा उपभोक्ता को उत्पादक बनाना है। 5वें ई. एल. ई. टी. एस. राष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन को संबोधन करते हुये श्री अमन अरोड़ा ने ज़ोर देकर कहा कि धरती को बचाने के लिए रिवायती बिजली उत्पादन से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की तरफ जाने का यह सही समय है।
उन्होंने कहा कि लगभग 3200 मेगावाट क्षमता के नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजैक्ट, जिनमें 2000 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट भी शामिल हैं, राज्य में स्थापित किये गए हैं, जो पंजाब में स्थापित की कुल क्षमता का लगभग 21 फ़ीसद बनता है। राष्ट्रीय एन. डी. सी. और एस. डी. जी. लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा साल 2030 तक 30 फ़ीसद तक बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नैट ज़ीरो मिशन को पूरा करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में नवीकरणीय ऊर्जा की बड़ी संभावना है क्योंकि हर साल 20 मिलियन टन से अधिक धान की पराली का उत्पादन हो रहा है और सिफऱ् 7-8 मिलियन टन पराली का खेतों में और खेतों से बाहर प्रबंधन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी ( पेडा) धान की पराली को किसानों के लिए संपत्ति में तबदील करने के लिए सख़्त यत्न कर रही है। धान की पराली और खेती अवशेष पर आधारित 43 कम्परैस्सड बायोगैस ( सी. बी. जी) प्रोजैकट पहले ही अलाट किये जा चुके हैं और 33 टन प्रति दिन ( टी. पी. डी.) से अधिक क्षमता वाला एशिया का सबसे बड़ा सी. बी. जी. प्लांट संगरूर जिले में चल रहा है। उन्होंने कहा कि मुकम्मल होने पर यह सभी प्रोजैक्ट 515.58 टी.पी.डी सी.बी.जी. उत्पादन के इलावा 2 मिलियन टन धान की पराली की सालाना खपत होगी।