
चंडीगढ़ दिनभर
800 रुपए का रिचार्ज करवाओ और रोज 32 रुपए कमाओ। वो भी 360 दिन तक। और उनके बाद आपका मूलधन (प्रिंसिपल अमाउंट) भी आपके खाते में वापस आएगा। ऐसा ही कुछ लालच देकर इंटरपब्लिक ग्रुप (आईपीजी) ने अपने एप के जरिये देशभर में हजारों लोगों को झांसे में लिया।
चंडीगढ़ में भी सैकड़ों लोग इसमें फंसते गए। कंपनी की लगातार एक से एक लुभावनी स्कीमें निकालती रही। लोग पैसे लगाते और निकालते भी रहे। पैसे वापस खाते में भी आ रहे थे तो लोगों को कंपनी पर भरोसा हो गया। फिर अचानक कंपनी ने बाय वन-गेट वन फ्री जैसे ऑफर निकाले और लोगों ने भी लाखों रुपए इसमें लगाते गए। 30 और 31 मार्च को लोगों ने पैसे निकालने की कोशिश की, लेकिन पैसे खाते में नहीं आए। बताया गया कि बैंक सर्वर डाउन है। लेकिन स्कीम लगातार जारी रहीं और लोगों का पैसा लगाना भी। शनिवार-रविवार को छुट्टी की वजह से पैसे नहीं निकले और फिर सोमवार को अचानक ऐप ने काम करना बंद कर दिया। लोग कस्टमर केयर को मैसेज करते रहे और वो लगातार कहती रही कि सर्वर डाउन है। इसके बाद दोपहर को मैसेज आया कि हैकर्स ने सर्वर पर अटैक कर दिया है। इसके बाद मोबाइल एप पूरी तरह डाउन हो गई। फिर लोगों को अहसास हुआ कि उनके साथ कितनी बड़ी ठगी हो गई है। हालांकि इसके बाद भी आईपीजी के कस्टमर केयर विनीता और श्वेता ठक्कर के मैसेज ऑफिशियल ग्रुप में आते रहे और वो एक लिंक भेजते रहे। फिर उन्होंने मैसेज भेजना शुरू कर दिया कि अगर आप अपना डाटा वापस चाहते हैं तो 5000 रुपए भेजें। इस तरह फर्जी आईपीजी कंपनी ने देश के हजारों लोगों को करोड़ों रुपए का चूना लगा दिया।

ऑफिशियल ग्रुप बना 2022 में
जिस ग्रुप के जरिये लोग कस्टमर केयर पर बात करते थे वह ऑफिशियल ग्रुप 6 दिसंबर 2022 में बना था। जिस नंबर के जरिये ये बना है वह नंबर +852 6719 2122 है। यह फोन +852 कोड वियतनाम का है। करीब 800 लोग इस ग्रुप में जुड़े हुए थे। इस ग्रुप में करीब 11 एडमिन हैं जो भारत के ही हैं। और ये ही हर सवाल का जवाब देते थे। यानी इन एडमिन तक अगर पहुंचते हैं तो इस ठगी का खुलासा किया जा सकता है। हालांकि स्थानीय लोगों ने भी अपने स्तर पर आईपीजी के ग्रुप बना लिए थे ताकि उनके नीचे जो लोग लगे हैं, उनके सवालों का आसानी से जवाब दिया जा सके। लेकिन उपरोक्त 11 एडमिन में से कोई न कोई हर स्थानीय ग्रुप में बतौर कस्टमर केयर मौजूद था।