डॉ. तरूण प्रसाद 2023 05 18T112351.872

सब्जी मंडी के बाहुबलियों के आगे प्रशासन का सरेंडर…

चंडीगढ़ दिनभर

चंडीगढ करीब एक साल बाद सेक्टर-26 सब्जी मंडी की पार्किंग फिर से पेड होने जा रही है। जानकारी के अनुसार पेड पार्किंग के संबंध में टेंडर मई के अंत तक युनिसिपल कॉर्पोरेशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। पार्किंग को ठेके पर लेने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति बोली लगा सकेगा। जानकारी के अनुसार इस बार पेड पार्किंग का रिजर्व प्राइस 81 लाख रुपए रखा गया है। पिछली बार सब्जी मंडी की पार्किंग 2.33 करोड़ में उठी थी। उ मीद है कि इस बार भी ढाई से तीन करोड़ के बीच बोली लग सकती है। सब्जी मंडी में 10 पार्किंग साइट्स को चिह्नित किया गया है। गौरतलब है कि पार्किंग साइट्स पर बेतहाशा कब्जे हैं। प्रशासन चाहकर भी बरसों से इन्हें नहीं हटा पाया है। क्योंकि इनके पीछे तथाकथित बाहुबलियों का हाथ है जो इनके थड़े लगाने के बदले वसूली लेते हैं। इन बाहुबलियों के सामने प्रशासन ने सरेंडर करते हुए इन दोनों साइट्स को ही बदल दिया है। जिन दो साइट को बदला है उनमें एक साइट है वेजीटेबल आक्शन वाले शेड के आसपास वाली और दूसरी है शोरूम नंबर 1-16 के पीछे वाली। इन दोनों के बदले अब ग्रेन मार्केट वाले थड़े को पेड पार्किंग में तबदील कर दिया गया है। पहले ग्रेन मार्केट को इससे अलग रखा गया था। जाहिर सी बात है कि इसके लिए भी कहीं न कहीं से प्रशासन पर दबाव बनाया गया होगा। तभी जो साइट्स बरसों से पार्किंग थी, उन्हें क्यों बदला गया।

ये हैं मंडी में पार्किंग की 10 साइट्स
आलू-प्याज ऑक्शन साइट के दोनों तरफ, ग्रेन ऑक्शन प्लेट फॉर्म की तीन साइड, मार्केट कमेटी ऑफिस के सामने, शोरूम न बर 1 के साथ बने शौचालय के साथ दो पार्किंग, घोड़ा पार्किंग, वाइन शॉप के साथ पार्किंग, नमाज वाली पार्किंग, जोगिंद्रा लोर मिल वाली पार्किंग आदि।
कब्जाधारियों का बढ़ाया जुर्माना
पार्किंग में कब्जा कर काम करने वालों का जुर्माना बढ़ा दिया गया है। पहले जो जुर्माना 5000 रुपए था, उसे अब 25 हजार रुपए कर दिया गया है। इन पार्किंग साइट्स पर सैकड़ों रेहड़ी, फड़ी वालों ने कब्जे कर रखे हैं। यही नहीं कुछ लोग तो पल्ली बिछाकर ही सब्जी आदि बेच रहे हैं। लेकिन इन्हें शह मिली हुई है उन ताकतों से जो प्रशासन को भी झुकाकर रखती हैं। यानी कुछ सफेदपोश हैं जिनके इशारे पर मंडी में काम होता है। हर रेहड़ी, फड़ी व पल्लीवाले से 300 से 500 रुपए रोज वसूले जाते हैं। जानकारी के अनुसार महीने में लाखों और सालभर में करोड़ों रुपए का खेल होता है। जानकारों के अनुसार यह चढ़ावा ऊपर तक जाता है इसलिए कार्रवाई नहीं होती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link
Powered by Social Snap