डॉ. तरूण प्रसाद 2023 05 04T101224.945

दो बार पकड़ी गई, चालान कटा लेकिन एफआईआर नहीं…

चंडीगढ़ दिनभर

स्मार्ट सिटी की ओवर स्मार्ट पुलिसिंग…
हफ्ते में एक वाहवाही का यूटी पुलिस नोट जरूर भेजती है कि उन्होंने जाली नंबर के वाहन को नाके पर पकड़ लिया,वाहन चोरी का निकला। जबकि यह स्मार्ट पुलिसिंग नहीं, बल्कि ओवरस्मार्ट पुलिसिंग है। जिसमें चंडीगढ़ पुलिस अपने सामने जाली नंबर पर चल रही एंबुलेंस चलाने वाले गैंग को दबोचना तो दूर, उन्हें पकड़कर छोड़ रही है। जी हां,यह कारनामा पीजीआई चौकी पुलिस का है। जिन्होंने जाली नंबर की एंबुलेंस का असली चालान तो काटा। जबकि उसके मुताबिक उसे पता ही नहीं चला कि जो चालान वह काट रहा है उसका नंबर ही जाली है। जबकि दूसरों को अपने मोबाइल फोन पर वाहन एप्प डाउनलोड की नसीहत देने वाली यूटी पुलिस खुद एप्प में नंबर चेक किए बिना ही चालान काट रही है। पीओएस मशीन अलग से मिली है,जिसमें चेक किया जा सकता है वाहन नंबर,लेकिन यह भी लापरवाही है, या साजिशन नजरअंदाज किया जा रहा है, यह जांच का विषय है। जिस वाहन चालक पर आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज होना है, उसे चंडीगढ़ की ओवर स्मार्ट पुलिस ने मात्र 500 रुपये का चालान एक बार और दूसरी बार 20 हजार का चालान काट कर जाने दिया।

चंडीगढ़। शहर में सक्रिय एंबुलेंस गैंग के ठेेंगे पर है कानून। तभी वो ऐसी हिमाकत करके बैठा है जिसे चंडीगढ़ में करने से पहले कोई भी 100 बार सोचे। इस एंबुलेंस गैंग ने गाडिय़ों पर फर्जी नंबर लगा रखे हैं। यानी दूसरे राज्यों की अन्य गाडिय़ों की नंबर प्लेट लगाकर एंबुलेंस चलाई जा रही हैं। वो भी धड़ल्ले से। ऐसी ही एक एंबुलेंस है जिस पर पीबी06एच2853 की नंबर प्लेट लगा रखी है। असल में ये नंबर एक शेवरले कंपनी की टवेरा गाड़ी का है जो पंजाब के गुरदासपुर में रजिस्टर है। इस तरह के फर्जीवाड़े में पकड़े जाने पर गाड़ी जब्त, ड्राइवर और गाड़ी मालिक की गिर तारी तय है।

लेकिन शहर में यह गाड़ी बेधड़क घूम रही है। चंडीगढ़ में इस एंबुलेंस के दो चालान भी कट चुके हैं। एक चालान पीजीआई चौकी इंचार्ज सबइंस्पेक्टर चंद्रमुखी ने काटा था, जो 20 हजार रुपए का था। दूसरा चालान एएसआई हरनेक सिंह ने काटा था जो 500 रुपए का था। अगर इन दोनों ने सिर्फ ये चेक कर लिया होता कि जिसका चालान कर रहे हैं वो मारुति सुजुकी की वैन है और रजिस्ट्रेशन नंबर टवेरा का है तो ये अपराधी कब का काबू आ गया होता। ये नंबर हमारे हाथ लगा और हमने अपना धर्म निभाते हुए पुलिस तक ये जानकारी पहुंचा दी है। अब देखना है कि वो अपना फर्ज कितनी ईमानदारी से निभाते हैं और इस गाड़ी पर क्या कार्रवाई करते हैं। क्योंकि मानो न मानो… ये अपराध बहुत बड़ा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link
Powered by Social Snap