डॉ. तरूण प्रसाद 2023 03 29T153746.866

अंतरराष्ट्रीय सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. कमल सोई ने सरकार की ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस सुविधा की कई खामियां उजागर कीं

चंडीगढ़ दिनभर परिवहन विभाग, पंजाब द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) के प्रोसेस को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया में कई सारी कमियों के कारण पंजाब के लोगों को गंभीर असुविधाएं और कठिनाइयां हो रही हैं। नागरिकों को आरटीओ ऑफिसों के कई-कई चक्कर लगाने पड़ते हैं क्योंकि ड्राइविंग लाइसेंस और व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट्स की छपाई पूरी तरह से ठप हो गई है और एक तरह से बंद ही हो गई है।
पंजाब भर में विभिन्न आरटीओ में 2 लाख कार्ड लंबित हैं और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आज प्रेस क्लब में एक पत्रकार वार्ता में डॉ. कमल सोई, अंतरराष्ट्रीय सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ और राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सदस्य ने ये दावा किया। मीडिया के विभिन्न वर्गों में प्रकाशित समाचार रिपोर्टों का हवाला देते हुए डॉ. सोई ने दावा किया कि परिवहन विभाग द्वारा उनकी शिकायतों के निवारण के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में, प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार लेख साक्ष्य के तौर पर साथ में संलग्न हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र की छपाई पूरी तरह से ठप हो गई है और बंद हो गई है जिसके परिणामस्वरूप राज्य में विभिन्न आरटीओ में दो लाख कार्ड लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि असल बात ये है कि बहुत सारे मामलों में 1 महीने से अधिक की भारी देरी होती है जो परिवहन विभाग द्वारा सेवा प्रदाता के साथ निष्पादित अनुबंध की शर्तों के विपरीत है, जिसके अनुसार डीएल/ वीआरसी को आवेदन करने के एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराया जाना है। सेवा प्रदाता समय पर डीएल/वीआरसी प्रदान करने में पूरी तरह से विफल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब के लोगों को भारी असुविधा और कठिनाई हुई है। परिवहन विभाग पंजाब के लोगों की असुविधा और कठिनाइयों पर ध्यान देने के बजाय डीएल/वीआरसी बनाने में देरी के लिए कंपनी (स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड), जो सेवा प्रदाता है, को जुर्माने और उनके अनुबंध को रद्द करने से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि परिवहन विभाग सेवा प्रदाता के साथ सांठगांठ कर रहा है जो उसके आचरण से स्पष्ट है।

परिवहन विभाग वास्तव में विरोधाभासी रुख अपना रहा है; कभी यह कह रहा है कि पेंडेंसी इंटरनेट काम नहीं करने के कारण है, कभी यह कह रहा है कि पेंडेंसी अनुमोदन में देरी के कारण है या स्मार्ट कार्ड चिप अनुपलब्ध होने के कारण है। जो भी मामला हो, मैसर्स स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड पंजाब के लोगों को समय पर डीएल/वीआरसी प्रदान करने में की जा रही अत्यधिक देरी को देखते हुए, परिवहन विभाग को या तो कंपनी पर तय जुर्माना लगाया जाना चाहिए था या ऐसे लापरवाह सेवा प्रदाता के अनुबंध को रद्द कर देना चाहिए था। वास्तव में, कंपनी मैसर्स स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड न केवल पंजाब में बल्कि उत्तर प्रदेश में भी डीएल/वीआरसी प्रदान करने में पूरी तरह विफल है, जहां एक ही कंपनी इसी तरह की परियोजना को लागू कर रही है और वहां भी लोगों को असुविधा और कठिनाई का कारण बन रही है।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार रिपोर्टों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में साक्ष्य के रूप में साझा किया गया, जिसमें दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र की छपाई भी पूरी तरह से ठप हो गई है और भारी मात्रा में ये काम लंबित हो रहा है। वहां पर भी विभिन्न आरटीओ में 2 लाख से अधिक कार्ड लंबित हैं। उन्होंने कहा कि, यह उल्लेखनीय है कि मैसर्स स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड, वही कंपनी है जो 2018 की सिविल रिट याचिका संख्या 15421 में पंजाब सरकार के परिवहन विभाग के साथ गंभीर मुकदमेबाजी में शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link
Powered by Social Snap