
अलग अलग बीमारियों से जूझ रहे थे
सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मुंबई के कोकिलाबेन धीरुबाई अंबानी अस्पताल में 14 नवंबर को रात साढ़े दस बजे निधन हो गया है। सुब्रत रॉय पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे, उन्हें स्वास्थय सम्बंधित काफी समस्याएं थीं। पूरे उद्योग जगत में उनके निधन से शोक की लहर है और सभी उनकी आत्मा की शांति की कामना कर रहे हैं।
सहारा कंपनी ने एक जारी बयान में सुब्रत रॉय के निधन पर शोक व्यक्त किया है। बताया गया कि 14 नवंबर को रात साढ़े दस बजे कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट की वजह से उनका निधन हुआ है। वे 12 नवंबर से मुंबई के कोकिलाबेन धीरुबाई अंबानी अस्पताल में एडमिट थे। दिवाली वाली रात ही उनकी तबीयत बिगड़ी थी तुरंत उन्हें अस्पताल में एडमिट करवाया गया था।
गौरतलब है कि सुब्रत रॉय लंबे समय से डायबिटीज, हाइपरटेंशन और metastatic malignancy से जूझ रहे थे। उन्हीं बीमारियों की वजह से उनकी सेहत और ज्यादा बिगड़ती चली गई और 75 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
बता दें कि सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया में हुआ था। कोलकाता में उनकी प्रारम्भिक शिक्षा हुई थी और उसके बाद गोरखपुर के सरकारी कॉलेज से उन्होंने मेडिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। सुब्रत रॉय बचपन से ही पढ़ाई में ज्यादा तेज नहीं थे, लेकिन दूसरे कामों में उनका पूरा मन लगता था। हमेशा से लीक से हटकर काम करना उनको पसंद था।
सहारा कंपनी बनाने से पहले सुब्रत रॉय को काम करने का एक लंबा अनुभव था। काफी संघर्ष के बाद वो इस मुकाम पर पहुंचे थे। सहारा को बनाने से पहले सुब्रत ने 18 सालों तक रियल एस्टेट में काम किया, उन्हें बिजनेस का 32 साल का एक्सपीरियंस था। अब कंपनी की स्थापना तो उन्होंने कर दी थी, लेकिन समय-समय पर उनका विवादों के साथ भी एक मजबूत रिश्ता बना रहा।
पटना हाई कोर्ट में कई सालों तक एक मामला लंबित रहा जहां पर कहा गया कि लोगों को उनका पैसा वापस नहीं मिला। कहा गया था कि इन लोगों ने कंपनी की कई स्कीम्स में अपना पैसा लगाया जो बाद में डूब गया। ये अलग बात रही कि सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले में सुब्रत रॉय को बड़ी राहत देने का काम किया था।