
मोटापा, बीपी ,शुगर जैसी गम्भीर बीमारियों से मुक्ति मिलती है मोटे अनाज से
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। यूनाइटेड नेशंस की ओर से साल 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया गया। मिलेट्स यानी मोटा अनाज । यह न केवल सेहत, बल्कि प्रकृति के लिए भी फायदेमंद है। खेती विरासत मिशन की ओर से रतन कॉलेज ऑफ नर्सिंग में हेल्दी लाइफ विद मिलेट्स पर चर्चा में की-नोट स्पीकर डॉ. खादर वली पहुंचें। बतौर चीफ आईपीएस ईश्वर सिंह दुहान शामिल हुए। खेती विरासत मिशन के कार्यकारी निदेशक उमेन्द्र दत्त ने बताया कि कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रहे। डॉ जेएस ठाकुर, ईश्वर सिंह (आईपीएस), एसएल अग्रवाल , डॉ. अजय गांधी, भूपिंदर भाटिया, करण गोयल। पद्मश्री डॉ खादर ने मिलेट्स खाने से बीमारियों से मुक्ति की बात की व पंजाब के नागरिकों को प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर व मिनरल्स युक्त मिलेट्स को अपने भोजन में नियमित रूप से सेवन करने की अपील भी की।
राजपाल मखानी व संदीप कौर द्वारा मिलेट्स से जिंदगी में सेहतमंद बदलाव के अनुभव बताये सर्बजीत कौर पूनम शर्मा ने मिलेट्स की विभिन्न डिशेज़ की जानकारी दी। उमेन्द्र दत्त ने कहा कि 2023 में भारत के आह्वान पर यूएनओ द्वारा घोषित , विश्व में 72 देश इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स 2023 मना रहे हैं, पंजाब भी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहा है व किसान हितों की नीतियों पर आधारित कदम उठाए जाएंगे। मेले में लाइव कुकिंग सेशन , मिलेट्स की विस्तृत जानकारी के लिये एग्जीबिशन, कच्चे मिलेट्स से लेकर रेडी टू ईट मिलेट्स , मिलेट्स डिशेज़ व सिर्फ मिलेट्स के डिनर ने सबको खूब आकर्षित किया।
मेले के नॉलेज पार्टनर व 17 वर्षों से मिलेट्स के फायदों की जागरूकता में जुटे खेती विरासत मिशन के किसानों ने मिलेट्स की खेती के अपने अनुभव सबसे शेयर किए व सभी को अपनी थाली में अपने मूल अनाज को फिर से शामिल करने की अपील की। केवीएम के किसानों ने कहा कि यदि पंजाब की धरती को बचाना है तो सिर्फ मिलेट्स की खेती ही हमारी धरती माँ की रक्षा करने की क्षमता रखती है। मिलेट्स डिनर में डोसा, कोदो हलवा, कंगनी-खीर, मिलेट्स के स्नैक्स और सूप, बार्नयार्ड खिचड़ी परोसी गई।