डॉ. तरूण प्रसाद 2023 05 01T115259.757 1

चंडीगढ़ दिनभर

चंडीगढ़ बीते शनिवार को चंडीगढ़ दिनभर ने खुलासा किया था कि चंडीगढ़ में ऐसी दर्जनों एंबुलेंस चल रही हैं जो असल में एंबुलेंस हैं ही नहीं। उनकी रजिस्ट्रेशन बतौर टैक्सी हो रखी हैं। यह फर्जीवाड़ा न जाने कितने साल से चल रहा है लेकिन आज तक किसी ने इस पर नजर नहीं दौड़ाई। खबर प्रकाशित हुई तो चंडीगढ़ पुलिस और प्रशासन के बड़े से बड़े अधिकारियों तक यह खबर पहुंची। सभी ने इसकी प्रशंसा भी की, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अपना मुंह और आंखें बंद कर लीं। आखिर इसकी वजह क्या है। क्या एंबुलेंस गैंग इतना बाहुबली है कि वर्दी उससे कांपती है या कोई और वजह…? क्या इस पूरे चक्रव्यूह में सफेदपोश भी शामिल हैं, जिनके दबाव में कोई भी पुलिसवाला कार्रवाई करने से डर रहा है। बात ये भी निकलकर आई है कि इस गैंग की तरफ से हर महीने मोटा पैसा चढ़ावे के रूप में ऊपर तक जाता है। अब ये ऊपर कौन बैठा है इसका नहीं पता लेकिन इस गैंग का सफाया करना पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है। खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिसवाले तो मौन रहे लेकिन एंबुलेंस गैंग में हलचल है। उन्होंने आनन-फानन में अपनी गाडिय़ों से एंबुलेंस वाले स्टीकर और बीकन लाइट्स भी उतार ली हैं। उनका ये डर इतना बताने के लिए काफी है कि कुछ तो गलत चल रहा था जिस पर आज तक किसी ने आवाज नहीं उठाई। और एक आवाज उठते ही उनकी जड़ें हिल गईं। अब पुलिस और प्रशासन को अपने हिस्से की कार्रवाई कर शहर को इस गैंग से आजाद करना है।

फर्जी एंबुलेंस वालों ने खुद ही उतार दीं लाइटें व स्टीकर

चंडीगढ़ दिनभर। ऊपर आप जिन छह गाडिय़ों के फोटो देख रहे हैं, वो ये बताने को काफी हैं कि शहर में आखिर चल क्या रहा था। असल में ये तीन ही गाडिय़ां हैं जिनके नंबर पीबी01सी6266, सीएच02एए8738, पीबी01ए4589 हैं। ये पहले एंबुलेंस का रूप धरे हुए थीं। जैसे ही इनके फर्जीवाड़े का कच्चा-चिट्ठा सामने आया, इन्होंने एंबुलेंस वाले स्टीकर व लाइट उतार फेेंके। इन्हें डर था कि खबर के बाद पुलिसवाले हरकत में आएंगे और उनकी गाडिय़ों के चालान काट दें या उन्हें इ पाउंड भी कर सकते हैं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। ये हैरानी वाली बात है।
पुलिस व प्रशासन की ऐसी लचर कार्रवाई ही आपराधिक तत्वों को प्रोत्साहित करती है। उन्हें भी लगने लगता है कि खबरों का पुलिस पर कोई असर नहीं पड़ता। वो और दो कदम आगे बढ़कर गलत काम करते हैं। इसी वजह से एंबुलेंसों का उपयोग धड़ल्ले से नशे व दारू की तस्करी के लिए किया जाने लगा है। ऐसा सिर्फ चंडीगढ़ या पंजाब ही नहीं देश के हर कोने में चल रहा है। इन नकली एंबुलेंस को पकडऩे के साथ ही पुलिस व प्रशासन को समय-समय पर ऐसी मुहिम छेड़ते रहनी होगी ताकि इन आपराधिक तत्वों में खौफ हो और गलत काम करने से डरें।

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