
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। फीस चोरी को रोकने के लिए स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के सेक्रटरी ने 15 दिनों के भीतर बॉडी कैमरा खरीदने के आदेश मार्केट कमेटी को दिए हैं। इसके अलावा मार्केट कमेटी को एक एप्लीकेशन तैयार करने को भी कहा गया है जिसमें सब्जीमंडी में आने वाली फल व सब्जियों की एंट्री की जाएगी। ताकि पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन हो सके। गौरतलब है कि अभी तक सब्जीमंडी में होने वाली खरीद-फिरोत को मनमाने ढंग से एंट्री किया जा रहा था जिस कारण बोर्ड को हर साल करोड़ों की मार्केट कमेटी फीस चोरी होने का खामियाजा सहना पड़ रहा था।
आदेशों के लागू होने के पश्चात मार्केट कमेटी फीस चोरी पर लगाम लगने से करोड़ो की फीस बढऩे की उम्मीद है। आदेश के मुताबिक सब्जीमंडी के हर एंट्री व एग्जिट प्वाइंट पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए सुपरवाइजर, ऑक्शन रिकार्डर, ईनेम स्टॉफ और सिक्योरिटी को तैनात किया जाएगा। ड्यूटी के दौरान एंट्री व एग्जिट प्वाइंट में तैनात स्टॉफ को बॉडी कैमरा पहनना अनिवार्य होगा ताकि आने वाली हर गाड़ी की रिर्कोडिंग हो सके। सूत्रों के मुताबिक स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड को मार्केट कमेटी सुपरवाइजर की मिलीभगत से करोड़ों रुपए फीस चोरी होने की शिकायतें मिल रही थी। फीस चोरी होने के चलते मार्केट कमेटी घाटे में चल रही थी और विभाग की कमान संभाल रहे अधिकारी भी फीस चोरी को रोकने में असफल रहे थे।

डिस्प्ले बोर्ड पर होंगे रेट, ज्यादा दाम लेने पर होगी कार्रवाई
सेक्टर-26 स्थित सब्जी मंडी के सभी एंट्री व एग्जिट गेट पर एक डिसप्ले बोर्ड लगाया जाएगा, जिसमें आढ़ती द्वारा की गई ऑक्शन का रेट प्रकाशित होगा। यदि कोई आढ़ती डिसप्ले में प्रकाशित रेट से ज्यादा दाम पर प्रोडक्ट बेचता है तो उसकी शिकायत मार्केट कमेटी या स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड पर कर सकेें गे। ऐसा करने की एक मुख्य वजह है कि आढ़ती द्वारा मार्केट कमेटी सुपरवाइजर के साथ मिलीभगत से ऑक्शन में बिके दाम से आधा ही रिजीस्ट्र में एंट्री करते थे।
मान लो एक नारियल पानी की गाड़ी करीब 4 लाख रूपए की बिकती हे लेकिन मिलीभगत से उसे करीब 1 लाख ऑक्शन (बिक्री) दिखाई जाती है। इस तरह 3 लाख रूपए की मार्केट कमेटी फीस जोकि करीब 6 हजार रूपए बनती है,चोरी हो जाती है। ऐसेे ही रोजाना करोड़ो रूपए के फल व सब्जियां बिना फीस दिए ही बेच दी जाती है। आदेश के अनुसार मार्केट कमेटी एडमिनिस्ट्रेटर को हर सप्ताह सब्जीमंडी का विजीट करना होगा। मार्केट कमेटी एडमिनिस्ट्रेटर को सब्जीमंडी में आने वाले फल व सब्जियों, साफ -सफाई की रिपोर्ट स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड को देनी होगी ताकि आएदिन घट रही मार्केट कमेटी फीस को बढ़ाया जा सके।