
बूथ घोटाले केस में नए याचिकाकत्र्ता की एंट्री, बूथ नम्बर 129 और 263 अलॉटमेंट पर जताई आपत्ति
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़ । हॉकर लाइसेंस में पिता का नाम राधे श्याम और डेथ सर्टिफिकेट में पिता का नाम धर्मचंद। यह सारा खेल कृष्णा मार्केट में बूथ अलॉट करने के लिए किया गया। मामला जिला अदालत तक पहुंच चुका है, जिसमें याचिकाकत्र्ता राजिंद्र सिंह ने आरोप लगाए है कि बूथ नम्बर 129 और 263 को एक ही परिवार के दो सदस्यों को अलॉट कर दिया गया था, जोकि इस्टेट ऑफिस के नियमों की उगघना है। इतना ही नहीं याचिका में कहा गया है कि बूथ नम्बर 29 के हॉकर गयानेश्वर ने लाईसेंस मे पिता का नाम राधे श्याम लिखवाया था। उनके पिता का नाम धर्मचंद है। अदालत में बुधवार को सेक्टर 41 कृष्णा मार्केट में हुए बूथ अलॉटमेंट को लेकर सुनवाई चल रही थी। मलोया निवासी राजिंद्र सिंह ने कोर्ट में रूल 1 के 10 के अतंगर्त याचिका लगाई, जिस पर याचिकाकत्र्ता दिनेश सूद के वकील ने आब्जेक्शन न लगाते हुुए दूसरे नम्बर के याचिकाकत्र्ता को शामिल करने पर सहमति दी।
अब कृष्णा मार्केट के बूथ अॅलाटमेंट में 2 याचिकाकत्र्ता रहेगे। वहीं दूसरे याचिकाकत्र्ता ने कृष्णा मार्केट में स्थित बूथ नम्बर 129 और 263 की अलॉटमेंट होने में इस्टेट ऑफीस की मिलीभगत और अलॉटी द्वारा बूथ लेते समय जमा करवाए दस्तावेजों में फर्जीवाडा बताया है। याचिकाकत्र्ता राजिंद्र सिंह नेे कोर्ट में डाली याचिका में कहा है कि बूथ नम्बर 129 और 263 दो सगे भाईयों को अलॉट किया गया है जोकि इस्टेट ऑफीस के रूल्स के खिलाफ है। आरोप है कि 2 बूथ लेने के चक्कर में बूथ नम्बर 129 के अलॉटी ज्ञानी उर्फ गयानेश्वर ने हॉकर लाईसेंस में पिता का नाम राधे श्याम लिखवाया था जबकि ज्ञानेेश्वर के पिता का नाम धर्मचंद था। याचिका में कहा गया है कि बूथ अलॉटमेंट से पहले गयानेश्वर के परिवार वालो ने इस्टेट ऑफिस में डेथ सर्टिफीकेट जमा करवाया था, जिसमें ज्ञानेेश्वर के पिता का नाम धर्मचंद प्रकाशित था। उसके बावजूद इस्टेट ऑफीस के अधिकारियो ने मिलीभगत के चलते बिना कोई ऑब्जेक्शन लगाए बूथ को अलॉट कर
दिया था।