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  • सेक्टर-39 में सेब कारोबारियों को मिले इजाजत तो करोड़ों रुपए की फीस आएगी कमेटी को
  • ज्यादातर आढ़ती चाहते हैं सेक्टर-39 में बसे मंडी
  • सेब सीजन के लिए सबसे अच्छी लोकेशन है 39 की मंडी


चंडीगढ़ दिनभर
मार्केट कमेटी चंडीगढ़ हर साल करोड़ों रुपए के घाटे में चल रही है। लेकिन एक रुके हुए फैसले पर अगर कमेटी अमल कर ले तो उसके दिन बदल सकते हैं। घाटे के बजाय कमेटी मुनाफे में चलने लगेगी। लेकिन जरूरी है ईमानदार नीयत से काम करने की। गौरतलब है कि जबसे सेब आढ़ती 26 की मंडी को छोड़कर पंचकूला और परवाणु चले गए हैं, हर सीजन में कमेटी को मार्केट फीस के रूप में मिलने वाली करोड़ों रुपए की फीस का नुकसान हो रहा है। लेकिन ताज्जुब है कि इस दिशा में कोई काम भी नहीं कर रहा और न ही किसी ने रूठे हुए सेब आढ़तियों को मनाने की कोशिश की है। जानकारी योग्य है कि अफसरशाही और प्लेटफार्म पर उचित स्पेस न मिलने से तंग आकर करीब 8 साल पहले सेब आढ़तियों ने पंचकूला व परमाणु मंडी में काम करना शुरू कर दिया था।
मार्केट कमेटी चाहे तो इस सीजन में करोड़ों रुपए के नुकसान की भरपाई कर सकती है। साथ ही सेक्टर-39 न्यू ग्रीन एंड फ्रूट सब्जीमंडी भी आबाद हो जाएगी। गौरतलब है कि जुलाई से सेब बाजार में आना शुरू हो जाता है। आढ़ती मई से ही हिमाचल में बागबानों से मिलने पहुंचने लगते हैं।

39 मंडी में लग चुका है सेब सीजन

2018 में सेक्टर-39 मंडी में सेब का सीजन लगाया गया था। पूर्व सेके्रटरी स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड यूटी अजीत बालाजी जोशी के निर्देशों पर मार्केट कमेटी ने दूसरे राज्यों के आढ़तियों को बुला सेक्टर-39 मंडी में काम करने का मौका दिया था। आढ़तियों को अच्छा रिस्पांस और बेहतर दाम भी मिले थे। लेकिन जोशी के रिलीव होते ही सेक्टर-39 में मंडी बसने का सपना अधूरा रह गया।

15 करोड़ सेब पेटियों का कारोबार होता है कश्मीर से

कश्मीर में करीब 15 करोड़ सेब की पेटियों का कारोबार होता है। इसमें से ज्यादातर सेक्टर-26 सब्जीमंडी में आती थी। अगर सेक्टर-39 मंडी में सेब का सीजन लगाने का मौका आढ़तियों को मिलता है तो घाटे में चल रही कमेटी मालामाल हो सकती है। सेक्टर-26 मंडी में सेब का करोबार बंद होने की मु य वजह पार्किंग सुविधा और प्लेटफार्म पर जगह न मिलना था। सेक्टर-39 में बनी मंडी में एक प्लेटफार्म बना हुआ है। जहां इतनी जगह है कि सेब का सीजन लगाया जा सकता है। पार्किंग की भी पूरी सुविधा है। पक्की सड़कें बनी हुई हैं। शौचालय से लेकर लाइट्स का भी पूरा प्रबंध है। आढ़ती 39 में काम करने को तैयार: राम एप्पल मर्चेंट के मालिक मुकेश कुमार के मुताबिक सेक्टर-39 मंडी में आढ़ती काम करने को तैयार है, लेकिन चुनिंदा लोग ऐसा नहीं चाहते क्योंकि उनका इनकम सोर्स कम हो जाएगा। इन चुनिंदा लोगो में सब्जीमंडी के शोरूम मालिक भी शामिल हैं।

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