
पुड्डा/गमाडा समय समय पर करती है सर्वे, बावजूद पनप रहीं अवैध कॉलोनियां
विनोद राणा. चंडीगढ़ दिनभर
पंजाब में आम आदमी की सरकार आने के बाद अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई है। इस रोक को करीब डेढ़ साल से ज्यादा हो गया है। इसके बावजूद झामपुर, बहलोलपुर व अन्य जगहों पर अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं और प्लॉट व मकान बेचे जा रहे हैं। प्रॉपर्टी डीलरों ने पंजाब सरकार के फैसलों को दरकिनार करते हुए अवैध कॉलोनियों को पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर बेचे जा रहे हैं। इस बारे में ग्माडा और पुड्डा के अधिकारी भी अंजान बने बैठे हैं।
कभी-कभी इन अवैध कॉलोनियों में अधिकारियों की ओर कार्रवाई के नाम पर एक-दो मकान तोड़कर खानापूर्ति कर दी जाती है और सरकारी कागजों में एंट्री कर दी जाती है कि इस-इस गांव में अवैध मकानों पर कार्रवाई की गई है। ग्माडा और पुड्डा विभाग की सर्वे टीम की ओर से एरिया का सर्वे कर रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों तक पहुंचा दी जाती है कि यहां अवैध कॉलोनी काटी जा रही हैं। फिर समय-समय पर टीम की ओर से सर्वे किया जाता है। ताकि उक्त इस तरह की कॉलोनियों पर लगाम लगाई जा सके। कई अवैध कॉलोनियों की रिपोर्ट अफसरों तक पहुंचाने के बावजूद कार्रवाई नहीं होती हैं।
अब ऐसे में सवाल है कि क्या अफसरों और प्रॉपर्टी डीलर्स की मिलीभगत से अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। एक तरफ तो अफसर कहते हैं कि अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है तो फिर अवैध कॉलोनियां कैसे पनप रही हैं। ये सवाल ही है।
कई तरह का दिया जाता है लालच
बता दें कि पंजाब सरकार की ओर से अचानक रजिस्ट्रयां बंद के ऐलान से प्रॉपर्टी डीलरों को तो झटका लगा ही, साथ मकान या प्लॉट खरीदने वालों को ज्यादा नुक्सान हुआ है। कई लोगों ने प्लॉट लेने के लिए लाखों रुपए बयाना भी दे रखे हैं जो लोग डीलरों के पास मकान लेने के लिए आते हैं उनको सपना दिखाया जाता है कि सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं की जाएगी। लोन भी करवा देंगे। लोग डीलरों के झांसे में आकर मकान लेने के लिए पैसे दे देेते थे लेकिन अब पॉवर ऑफ अटॉर्नी की जा रही है।
अफसर की मिलीभगत मिली तो होगी कार्रवाई : कुलवंत ङ्क्षसह
वधायक कुलवंत सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आप सरकार भ्रष्टाचार को खत्म कर रही है। इसलिए अवैध कॉलोनियों की रजिस्टरी पर रोक लगाई गई है। लेकिन अब भी अवैध कॉलोनियों काटी जा रही हैं। यदि उक्त मकान या प्लॉट पॉवर ऑफ अटार्नी पर बेचे गए हैं तो इसकी जांच करवाई जाएगी। इसमें किसी भी विभाग के अफसर की मिलीभगत पाई जाती है तो उसे भी बक्शा नहीं जाएगा। कानूनी कारवाई की जाएगी। यह पूरा एरिया पैराफेरी एक्ट में आता है। यहां पर इस तरह से अवैध कॉलोनियां नहीं काट सकते।