
विजिलेंस कमीशन कहता है कि कोई भी शख्स पब्लिक डिलिंग पर तीन साल से ज्यादा तैनात न किया जाए और पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित भी चंडीगढ़ प्रशासन को कई बार लिखित में कह चुके हैं कि सीवीसी के कायदे कानून अच्छे से लागू किए जाए और डेपोटेशन पर आए कर्मचारियों व अधिकारियों को टर्न ऑवर पूरा होते ही रिलिव किया जाए।
इसके बावजूद अधिकारी चहेते कर्मियों पर मेहरबानी बनाए हुए हैं। अफसर सीवीसी की गाईड लाइंस को भी अनदेखा कर रहे हैं। अब दोबारा होने जा रहा है। वह भी 10 साल से डेपुटेशन पर आकर बैठे सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर इंद्रजीत गुलाटी के मामले में।
सूत्रों की माने तो उनकी एक्सटेंशन के लिए लांिबंग शुरू हो गई है और चुपचाप पार्षदों को मनाया जा रहा है कि उनकी एक्सटेंशन की मांग में कोई आब्जेक्शन न करें। अगले महीने से यह सिलसिला शुरू होने वाला है,अब देखना है कि कायदे की चलेगी या फिर चहेतों के लिए इस बार भी अफसर कायदे तोड़ मरोड़कर एक्सटेंशन देंगे। निगम सुपरिटेंडेंट इंजीनियर इंद्रजीत गुलाटी पिछले 10 सालों से चंडीगढ़ प्रशासन में तैनात है। इंद्रजीत गुलाटी की एक्सटेंशन 25 जून को समाप्त होने जा रही है। इस एक्सटेंशन के समाप्त होने पर इंद्रजीत गुलाटी दोबारा अप्लाई करते है या नही। यह चर्चा का विष्य बना हुआ है।
शहर के अधिकतर काउंसलर इंद्रजीत गुलाटी की एक्सटेंशन निगाहें लगाए हुए है। चर्चा है कि अगर इस बार चंडीगढ़ प्रशासन से इंद्रजीत गुलाटी को एक्सटेंशन मिलती है तो काउंसलर उस पर बवाल मचा सकते है। काउंसलर का कहना है कि इंद्रजीत गुलाटी की एक्सटेंशन देने में लगातार सेंट्रल विजिलेंस कमीशन की गाइड्स लाईन को अनदेखा किया रहा है। सूत्रों के मुताबिक इंद्रजीत गुलाटी के एक्सटेंशन नगर निगम अधिकारियों के लिए बवाल व टेंशन बन सकती है। इंदरजीत गुलाटी नगर निगम में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (भवन एवं सड़कें) के पद पर कार्यभार संभाला हुआ है। वह पहले पंजाब में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी (भवन और सड़कें) के पद पर तैनात थे। इंद्रजीत गुलाटी ने नगर निगम मे 17 दिसंबर 2012 से 18 जनवरी 2016 तक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर रहे। उसके बाद गुलाटी ने चंडीगढ़ प्रशासन में 1 मई 2017 से 18 जनवरी 2021 तक सेवा प्रदान की। अब गुलाटी नगर निगम में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के पद पर कार्य संभाल रहे है। उनका कार्यकाल 25 जून को समाप्त होने जा रहा है।
अब देखना है कि इंद्रजीत की एक्सटेंशन पर अधिकारियों का क्या रूख होगा क्योंकि यह लगभग तय माना जा रहा है कि इंद्रजीत गुलाटी फिर से एक्सटेंशन के लिए अप्लाई कर सकते हंै।