
चंडीगढ़ दिनभर।
चंडीगढ़ के दबंग इंस्पेक्टर अमनजोत ङ्क्षसह ने यूटी पुलिस विभाग से शुक्रवार को वालंटरी रिटायरमेंट ले ली है। अमनजोत ङ्क्षसह ने पुलिस विभाग में गैंंगस्टरों पर लगाम लगाने में अहम भूमिका निभाई है। उनका सबसे ज्यादा लंबा समय क्राइम ब्रांच में बीता। उन्होंने तनिष्क ज्वैलर लूट की गुत्थी सुलझाई थी। हाईवे रॉवर पकड़े, जय पाल भुल्लर को पकड़ा, दर्जनों ब्लाइंड मर्डर सुलझाए और कई गैंगस्टर पकड़े, जिसके चलते इंस्पेक्टर अमनजोत का नाम गैलेंट्री अवॉर्ड के लिए भी भेजा गया था।
1997 में बतौर एएसआई भर्ती हुए थे
अमनजोत 1997 बैच में बतौर एएसआई भर्ती हुए थे, उन्हें चंडीगढ़ पुलिस की रैंक और वेतन नीति के तहत एक इंस्पेक्टर के रूप में पदोन्नत किया गया था। सेवा के दौरान अमनजोत के नाम कई नाम दर्ज हैं। 2004 में अमनजोत ने अपराधी रणपाल गुर्जर को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2005 में सेक्टर-17 आईएसबीटी से एक आतंकी को हथियार और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया था। 2007 में, अमनजोत ने चार्टर्ड अकाउंटेंट राकेश गोयल की हत्या को सुलझाने में योगदान दिया। 2008 में अमनजोत ने अनुराधा हत्याकांड को सुलझाने और सुखना झील में डिंपी शूटआउट के रहस्य को सुलझाने में मदद की। अमनजोत का हाईवे लुटेरे और तनसिह डकैती जैसे डकैती के मामलों को सुलझाने में योगदान भी उसके क्रेडिट में जोड़ता है। अमनजोत को सेक्टर-18 एनआरआई अपहरण मामले को सुलझाने में उसके हालिया प्रदर्शन के लिए भी सराहना मिली।