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बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स का भरोसा सैम ऑल्टमैन से उठा, मीरा मुराती को दी गयी जिम्मेदारी

चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी OpenAI के को-फाउंडर और CEO सैम ऑल्टमैन को पद से हटाने का फैसला ले लिया गया है। कंपनी को अब ऑल्टमैन की काबिलियत पर भरोसा नहीं रहा, इसलिए उन्हें मजबूरन पद से इस्तीफा देना पड़ा। OpenAI ने शुक्रवार को आधिकारिक रूप से इसकी जानकारी प्रकाशित कर दी है।
जब तक कंपनी परमानेंट CEO का चुनाव नहीं कर लेती, मीरा मुराती अस्थायी रूप से CEO की भूमिका निभाएंगी। इसके साथ ही OpenAI के प्रेसिडेंट ग्रेग ब्रॉकमैन भी बोर्ड के चेयरमैन का पद छोड़ देंगे।
गौरतलब है OpenAI एक प्राइवेट रिसर्च लैब है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेवलप करती है। इस कंपनी की स्थापना 2015 में ऑल्टमैन, एलन मस्क (जो अब OpenAI के बोर्ड में नहीं हैं) और अन्य लोगों ने एक नॉन-प्रॉफिट आर्गनाइजेशन के रूप में की थी।

सैम ऑल्टमैन ने CEO का पद छोड़ने के बाद सोशल मीडिया X पर बयान दिया ‘मुझे OpenAI में अपना समय बहुत पसंद आया। यह व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए और उम्मीद है कि दुनिया के लिए थोड़ा परिवर्तनकारी था। मुझे ऐसे प्रतिभाशाली लोगों के साथ काम करना भी पसंद आया। अब आगे क्या करूंगा इसके बारे में बहुत कुछ कहना है।’
रिपोर्ट्स के अनुसार,कंपनी की नयी CEO, 34 साल की मीरा के पेरेंट्स भारतीय मूल के हैं। मीरा का जन्म अल्बानिया में हुआ था और कनाडा में उनकी परवरिश हुई। मैकेनिकल इंजीनियर की पढ़ाई के दौरान उन्होंने डार्टमाउथ कॉलेज में हाइब्रिड रेसकार बनाई थी। स्कूल में रहते हुए, उन्होंने गोल्डमैन सैच में इंटर्नशिप भी की थी।
टेस्ला में काम करने के बाद उनको 2018 में OpenAI में शामिल कर लिया गया। टेस्ला में मॉडल एक्स कार को बनाने में उनका प्रमुख रोल था। टेस्ला में उन्होंने सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में तीन साल बिताए। उसका बाद ही उन्होंने AI फील्ड में जाने का निर्णय लिया।
OpenAI ने उन्हें एप्लाइड A.I एंड पार्टनरशिप्स की वाइस प्रेसिडेंट के रूप में नियुक्त किया था। उस समय, कंपनी एक नॉन-प्रॉफिटेबल ऑर्गनाइजेशन थी। बाद में इसने खुद को प्रॉफिट कंपनी के रूप में रीस्ट्रक्चर किया ताकि फंड जुटा सके और AI प्रोडक्ट बना सके।
मीरा मुराती ने चैटजीपीटी और DALL-E जैसे क्रांतिकारी उत्पादों के विकास में महत्वपूर्ण कार्य किया। बीते साल ही उनको चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर बनाया गया था। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि इंजीनियर तय समय पर चैटजीपीटी के वर्जन डेवलप करें।
इस कंपनी के मौजूदा समय में 7 को-फाउंडर्स हैं-

  1. सैम ऑल्टमैन: OpenAI से पहले स्टार्ट-अप्स की फंडिंग करने वाले ग्रुप वाई-कॉम्बिनेटर के प्रेसिडेंट थे। फिर OpenAI के CEO बने।
  2. इल्या सेत्सकेवर: OpenAI के चीफ साइंटिस्ट हैं।
    3 . ग्रेग ब्रॉकमैन: OpenAI के प्रेसिडेंट हैं।
  3. वॉजियेक जोरेम्बा: OpenAI में कोडेक्स और लैंग्वैच रिसर्च टीम्स के हेड हैं।
  4. एलन मस्क: OpenAI में निवेशक हैं।
  5. जॉन शुल्मैन: AI रिसर्च साइंटिस्ट।
  6. आन्द्रेज कारपेथी: रिसर्च साइंटिस्ट।

सभी लोगों में से सैम ऑल्टमैन की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस रिसर्च को डिजाइन करने वाले एकमात्र वही हैं। यानी उन्होंने ही यह सुनिश्चित किया कि AI से जुड़ी रिसर्च किस तरह से की जाएगी और क्या बनेगा।
OpenAI ने नवंबर 2022 में दुनिया के लिए ChatGPT का अनावरण किया था। इस AI टूल ने बहुत तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। म्यूजिक और पोएट्री लिखने से लेकर निबंध लिखने तक, ChatGPT बहुत सारे काम कर सकता है। यह एक कन्वर्सेशनल AI है। एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जो आपको इंसानों की तरह जवाब देता है।
OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट जैसी बिग टेक कंपनी ने 30 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश कर रखा है। कंपनी ने अपने सर्च इंजन ‘बिंग’ में भी ChatGPT को इंटीग्रेट किया है।
और भी कई कंपनियां ChatGPT का इस्तेमाल करने के लिए उत्सुक हैं। ऐसे में AI बेस्ड इस चैटबॉट का इस्तेमाल आने वाले दिनों में कहीं ज्यादा मशहूर होने की उम्मीद है।
इसके कुछ आलोचकों का कहना है कि AI का बढ़ता इस्तेमाल लोगों के लिए मुश्किलें भी पैदा कर सकता है। इससे नौकरियां खत्म होंगी, लोगों की इस पर निर्भरता बढ़ती जाएगी और शायद एक दिन ऐसा भी आए कि इंसान सोचने का काम पूरी तरह AI पर छोड़ दे।
सैम ऑल्टमैन इस खतरे से मना भी नहीं करते लेकिन, साथ ही वो कहते हैं कि इंसानी दिमाग की जरूरत ही न पड़े ऐसी दुनिया की कल्पना मुश्किल है।

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