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-शहर में नौकरी दिलाने के नाम पर एक और फर्जीवाड़ा आया सामने, एक माह में दूसरा मामला

-लोगों का आरोप- नौकरी लगवाने के नामा पर एक-एक लाख लिए

अजीत झा, चंडीगढ़ दिनभर : चंडीगढ़। शहर के करीब 700 से 800 लोगों के साथ नौकरी के नाम पर ठगी करने का एक महीने में दूसरा मामला सामने आया है। बुधवार को सैकड़ों महिलाओं ने पुराने सचिवालय बिल्डिंग के बाहर रोष प्रदर्शन किया। लोगों ने बताया कि सैकड़ों से भी ज्यादा लोगों से ठेकेदार ने 80 हजार से दो लाख रुपए लेकर इन्हें नौकरी पर रखा गया, लेकिन पिछले 6 महीने में लोगों को महज एक बार ही 18,050 रुपए वेतन दिया गया। बाकी 5 महीने का वेतन अभी तक नहीं दिया गया है।
वहीं, रोष प्रदर्शन के दौरान एक महिला बेहोश भी हो गई। लोगों को सिमर खेरवाल नाम के ठेकेदार द्वारा चंडीगढ़ के हॉर्टिकल्चर विभाग में ‘अल्टीमेट मैनपॉवर हाउस कीपिंगÓ फर्म में नौकरी पर रखा गया था। हंगामा करने वाले लोगों में मलोया निवासी सावित्री, पूजा, रेनू, सावित्री, रीतू सहित अन्य लोगों ने बताया कि उन्हें करीब 5 से 6 महीने पहले सिमर खेरवाल निवासी जामपुर मोहाली ने हार्टिकल्चर विभाग में नौकरी पर रखने के लिए पैसे लिए थे। सभी लोगों ने ठेकेदार को सुपरवाइजर व एजेंटों के जरिए नकद पैसे दिए थे, लेकिन नौकरी पर रखने के बाद उन्हें 6 महीने में महज एक महीने की ही तनख्वाह दी गई है।
लोगों को ग्रीन फील्ड, पार्क, चौक-चौराहें सहित हार्टिकल्चर विभाग के तहत अलग-अलग जगह पर साफ-सफाई के काम के लिए रखा गया था। वेतन नहीं मिलने के कारण यह लोग सुबह पहले मलोया थाने में पहुंचे, लेकिन वहां पुलिस कार्रवाई नहीं होने के कारण यह लोग सेक्टर-9 स्थित पुलिस मुख्यालय में पहुंच गए, लेकिन यहां भी इनकी किसी ने नहीं सुनीं तो यह लोग अब पुराने सचिवालय कार्यालय की बिल्डिंग में पहुंच गए और बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए।
लोगों द्वारा ठेकेदार सहित पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है। लोगों की मांग है कि इन्हें 6 महीने का वेतन दिया जाए और उन्हें नौकरी पर रखा जाए। अभी तक इनके द्वारा पुलिस को लिखित में कोई शिकायत नहीं दी गयी। इससे पहले भी चंडीगढ़ के धनास में सैंकड़ो लोगों से सरकारी स्कूल में सफाई कर्मचारी के काम पर पैसे लेकर रखा गया।

स्कूलों में नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों ठगे थे

हाल ही में चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया था। पुलिस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। रामदरबार निवासी राजीव ने 100 लोगों को स्कूल में नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए ठगे थे। पुलिस ने ठेकेदार राजीव के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच में सामने आया कि राजीव कोई ठेकेदार नहीं, बल्कि खुद लोगों के घरों में पेंट करने का काम करता था। आरोपी ने सैकड़ों लोगों को नौकरी पर रखवाने को लेकर फर्जीवाड़ा करने के लिए रूपरेखा तैयार की और प्लानिंग के मुताबिक लोगों से पैसे ठगे। पीड़ित लोगों ने सारंगपुर थाना पहुंचकर ठेकेदार के खिलाफ हंगामा किया था। मामला तूल पकड़ते देख ठेकेदार ने खुद को पुलिस कार्रवाई से बचाने के लिए थाने के बाहर ही करीब 35 लोगों को 10-10 हजार रुपए वेतन के हिसाब से साढ़े तीन लाख रुपए बांट दिए थे। रिमांड के दौरान आरोपी राजीव ने बताया कि उसे 15 से 18 लाख रामदरबार स्थित खस्ताहाल मकान की मरम्मत करवाने में खर्च कर दिए।

निगम पार्किंग घोटाला भी आया था सामने

चंडीगढ़ में पार्किंग का ठेका लेने के लिए फर्जी बैंक गारंटी देने के मामले में पुलिस ने आरोपी अनिल शर्मा को गिरफ्तार किया था। आरोपी अनिल शर्मा ने सिर्फ निगम को फर्जी बैंक गारंटी दी थी, बल्कि पार्किंग की पर्ची काटने में भी उस पर गड़बड़ी करने के आरोप लगे थे। आरोपों के अनुसार ऐसा करने उसने लाखों-करोड़ों के टैक्स की चोरी की है। शर्मा ने 2020 में नगर निगम से 57 पार्किंगों का ठेका पाश्चात्य एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी से लिया था। उसने पाश्चात्य नाम से एक और कंपनी बना रखी थी। इसका नाम उसने पाश्चात्य एंटरटेनमेंट पार्किंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड रखा था। सूत्रों के अनुसार टेंडर लेने के बाद कुछ पार्किंग की पर्चियां पाश्चात्य एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड तो कुछ पाश्चात्य एंटरटेनमेंट पार्किंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड यानि दूसरी कंपनी के नाम से भी काटी जाती थी। हालांकि, पार्किंग की जो स्लिप लोगों को दी जाती थी, उस पर सिर्फ पाश्चात्य एंटरटेनमेंट लिखा होता था।

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