देश के कोने कोने से जुटेंगे धावक, लाहौल को खेल मानचित्र में मिलेगी अलग पहचान
शिमला। ‘स्नो मैराथन लाहौल’ के पहले संस्करण की आपार सफलता के बाद इस आयोजन का दूसरा संस्करण आगामी 12 मार्च 2023 को जिला लाहौल और स्पीति स्थित अटल टनल नाॅर्थ पोर्टल के निकट सिस्सू में आयोजित किया जा रहा है। आशियाना रेस्टोरेंट में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान इस वार्षिक आयोजन की जानकारी देते हुये इस आयोजन की परिकल्पना करने वाले गौरव शिमर ने बताया इस हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु मैराथन में भाग लेकर धावकों का उत्साह बढ़ायेंगें। इस आयोजन के माध्यम से भारत विश्व की उन दस स्नो और आईस मैराथन में शामिल हो गया जहां इस साहसिक खेल का आयोजन होता है। मूलतः यह आयोजन आर्कटिक सर्कल, नॉर्थ पोल की लोकेशन जैसे साइबेरिया, अंटार्कटिका आदि स्थानों में होता है। गत वर्ष मार्च 26, 2022 को देश में पहली बार इस सफल आयोजन से हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति को लगभग दस हजार फीट सबसे ऊंची स्नो मैराथन करवाने का गौरव प्राप्त हुआ जिसे इस वर्ष भी कायम किया जा रहा है।
गौरव शिमर ने बताया कि आयोजन की लगभग सभी तैयारियां कर ली गई हैं। इस आयोजन में पुरुषों और महिलाओं के लिये 42 किलोमीटर की फुल, 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन, दस किलोमीटर और पांच किलोमीटर की मैराथन का प्रावधान है। स्थानीय लोगों में दौड़ के प्रति रुचि जगाने के लिये एक किलोमीटर की फन रन आयोजित होगी। सभी धावकों को चोटिल होने या किसी भी अप्रिय घटने से बचाने के लिये मोहाली स्थित फोर्टिस डाक्टरों और पैरामेडिक्स की टीम आयोजन से एक दिन पहले और दौरान दो एडवांस लाईफ सपोर्ट ऐम्बुलैंस के साथ मेडिकल सुरक्षा प्रदान करेगी। फोर्टिस की डाक्टरी टीम न केवल धावकों का चैक अप करेगी बल्कि बर्फ में दौड़ने के समय सावधानियां भी बतायेगी।
फोर्टिस के डाक्टर्स – हृदय विशेषज्ञ अरुण कोछड़ और ओर्थोपेडिक्स व स्पोटर्स मेडिसन के निदेशक डाॅ रवि गुप्ता ने धावकों को दौड़ से पूर्व हिदायतें बरतनें की सलाह दी । उन्होंनें अपने शरीर को मैराथन स्थल के साथ अक्लेमेटाईज्ड करने और स्पोर्टिंग गियर के साथ दौड़ करने की सलाह दी। अल्ट्रा रनर और इस आयोजन की एंबेसडर तेनजिन डोल्मा ने स्नो मैराथन लाहौल का हिस्सा बनकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंनें कहा कि देश भर से जुड़ने वाले धावकों के लिये एक नया अनुभव होगा जिसके वे कभी नहीं भुला पायेंगें।