
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की कमेटी ने शरद पवार का इस्तीफा नामंजूर किया
चंडीगढ़ दिनभर
नई दिल्ली. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने 2 मई को एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने एक कार्यक्रम में खुद इसका ऐलान किया था। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने नया अध्यक्ष चुनने के लिए 18 सदस्यीय कमिटी भी बना दी थी। राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी की कार्य समिति ने शुक्रवार को मुंबई के पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में अध्यक्ष शरद पवार इस्तीफा को नामंजूर कर दिया। कार्यसमिति ने उनसे अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया है। दरअसल, पवार ने एक अप्रत्याशित फैसले में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। कार्य समिति की बैठक में शरद पवार के उत्तराधिकारी पर फैसला होना था, लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया।
पार्टी के अध्यक्ष पद पर शरद पवार बने रह सकते हैं। दरअसल, पार्टी के वरिष्ठ नेता और आम कार्यकर्ता पवार से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह कर रहे हैं। कई नेताओं ने तो इसके विरोध में इस्तीफा भी दे दिया है। एनसीपी के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा, पवार साहब ने हमें बताए बिना यह फैसला लिया है। हमने और कई नेताओं ने उनसे मुलाकात की और अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। इस समय देश और पार्टी को उनकी जरूरत है। सिर्फ हृष्टक्क नेताओं ने ही नहीं, बल्कि प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी उनसे पार्टी प्रमुख बने रहने का अनुरोध किया है। बताते चलें कि अपने इस्तीफे के बाद पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय करने के लिए शरद पवार ने 18 सदस्यों वाली एक समिति का गठन किया था।
इस समिति में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, पीसी चाको, नरहरि जिरवाल, अजीत पवार, सुप्रिया सुले, जंयत पाटिल, छगन भुजबल, दिलीप वलसे-पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र आव्हाड, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, जयदेव गायकवाड़ और पार्टी के फ्रंटल सेल के प्रमुख शामिल हैं। जिस समय पार्टी कार्यालय में बैठक चल रही थी, उस वक्त बाहर हृष्टक्क के कार्यकर्ता प्रमुख शरद पवार के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। अपने हाथों में तख्तियाँ लिए हुए कार्यकर्ता उनसे अध्यक्ष पद का इस्तीफा वापस लेने का आग्रह कर रहे थे। बैठक खत्म होने के बाद पार्टी नेताओं ने कहा कि वे एक बार फिर पवार से अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए कहेंगे।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने 2 मई को एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने एक कार्यक्रम में खुद इसका ऐलान किया था। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने नया अध्यक्ष चुनने के लिए 18 सदस्यीय कमिटी भी बना दी थी। पार्टी नेताओं ने उनसे अपना इस्तीफा लेने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से मना कर दिया था। शरद पवार ने जून 1999 में कॉन्ग्रेस तोड़ कर एनसीपी की स्थापना की थी।