डॉ. तरूण प्रसाद 2023 04 22T164054.850

चंडीगढ़ दिनभर

नई दिल्ली। इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) और एयर इंडिया के इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) ने एयरलाइन द्वारा प्रस्तावित नए वेतन ढांचे को खारिज कर दिया है। विवाद की प्राथमिक जड़ नए ढांचे के तहत हर महीने उड़ान भत्ते को 70 घंटे से घटाकर 40 घंटे करना है, जिसे पायलट अनुचित मानते हैं। दोनों यूनियनों ने चेतावनी दी है यदि प्रबंधन उनकी सहमति के बिना नई शर्तो के साथ आगे बढ़ता है तो औद्योगिक अशांति फैलेगी। एयर इंडिया ने कहा है कि वह अपने शेष कर्मचारियों के साथ जुडऩा जारी रखेगी। एयरलाइन ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि एयर इंडिया में कोई मान्यता प्राप्त यूनियन नहीं है।

यह टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया द्वारा पिछले साल अपने अधिग्रहण के बाद से पेश किया गया पहला वेतन संशोधन है, और यह इसकी चार एयरलाइनों – एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयर एशिया इंडिया और विस्तारा के सभी 3,000 पायलटों को प्रभावित करेगा। पायलट संघों ने अपने सदस्यों को निर्देश दिया है कि वे प्रबंधन द्वारा पेश की गई नई रोजगार शर्तों और वेतन संरचना को अस्वीकार करें कर्मचारियों को 25 अप्रैल तक हस्ताक्षर करने के लिए एक समझौता किया गया है, लेकिन दोनों यूनियनों ने कहा है कि वे नियमों और शर्तो का विरोध करेंगे, उनके पायलटों ने संशोधित रोजगार और मुआवजे की शर्तो पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है।

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