
चंडीगढ़ दिनभर
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड का हैदराबाद हाउस में स्वागत किया. दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता हुई. इसके बाद दोनों नेताओं ने रेलवे के कुर्ठा-बिजलपुर सेक्शन के ई-प्लाक का अनावरण किया. दोनों नेताओं ने डिजिटल तौर पर संयुक्त रूप से भारतीय रेलवे की कार्गो ट्रेन को बठनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड के लिए हरी झंडी दिखाई. मोदी ने कहा, दोनों देशों के सांस्कृतिक और धार्मिक रिश्ते बहुत ही पुराने और मजबूत हैं. इन रिश्तों को और मजबूती देने के लिए हमने निर्णय लिया है कि राम सर्किट से जुड़े प्रोजेक्ट में तेजी लाई जाएगी. इससे पहले अपनी भारत यात्रा में प्रचंड ने आज सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए.
इसके बाद उन्होंने हैदराबाद हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. दोनों देशों के प्रधानमंत्री यहां द्विपक्षीय मु्द्दों पर वार्ता कर रहे हैं. पहले से ही माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच इस बैठक में ऊर्जा, संपर्क और व्यापार जैसे क्षेत्रों में भारत-नेपाल सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा. नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने (68) ने दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला था और उसके बाद, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (सीपीएन-माओवादी) नेता की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है. नेपाल इस क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए अहम है और दोनों देशों के नेताओं ने अक्सर सदियों पुराने ‘रोटी बेटी’ संबंधों को रेखांकित किया है.
अधिकारियों के अनुसार मोदी और प्रचंड के बीच होने वाली वार्ता में अर्थव्यवस्था, संपर्क, ऊर्जा और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में गहरे सहयोग पर जोर रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि प्राथमिकता वाले अहम क्षेत्रों में से एक-नई पहल के जरिए बिजली क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाना होगा. बिजली क्षेत्र में सहयोग पर पिछले साल अप्रैल के भारत-नेपाल संयुक्त बयान को मील का पत्थर माना जाता है और नेपाल भारत को करीब 450 मेगावाट बिजली का निर्यात करता रहा है. उम्मीद है कि दोनों प्रधानमंत्री भारत-नेपाल विकास साझेदारी की भी समीक्षा करेंगे, जो द्विपक्षीय संबंधों का अहम स्तंभ है. अधिकारियों के अनुसार दोनों देशों के वित्तीय संपर्क को मजबूत बनाने पर भी चर्चा होगी. पिछले साल अप्रैल में तत्कालीन नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की भारत यात्रा के दौरान नेपाल में रूपे कार्ड की शुरुआत हुई थी. विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली में हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की. इससे पहले, प्रचंड ने 2008 और 2016 में नेपाली प्रधानमंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थी.