
केरल के कोझिकोड जिले में बुखार से दो मरीजों की मौत होने के बाद फिर से निपाह वायरस की आशंका है। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने सोमवार को हाईलेवल मीटिंग की और हालात का जायजा लिया। इसके परंपरागत रूप से, इस वायरस के प्रकोप की समय-समय पर आशंका होती है, और दो मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।
इन दोनों मौतों के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी शुरू की है और मृतकों के सैम्पल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के पास भेज दिए गए हैं। मृतकों के रिश्तेदार भी अस्पताल में भर्ती हैं, और इन दोनों के रिश्तेदार निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं।
केरल स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्तर पर अलर्ट जारी किया है, और कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन फैसिलिटी बनाने का आदेश भी दिया गया है। इस समय, दो मृतकों के शवों को मॉर्चुरी में रखा गया है, और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है, जिसका मतलब है कि यह जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है। इसका सोर्स चमगादड़ के जरिए भी माना जाता है, और इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, और इंसेफेलाइटिस जैसे लक्षण शामिल हैं। निपाह वायरस का इलाज और वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है, इसलिए सावधानी और हाथ धोने का अहम बगीचा बनता है।
केरल में पहले भी निपाह वायरस का प्रकोप आया था, जिसमें मृत्यु दर 45 से 70 फीसदी तक थी, और एक व्यक्ति के संक्रमण से दूसरे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए, सभी व्यक्तियों को सावधान रहने और लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।