चंडीगढ़ दिनभर – नई दिल्ली।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को देर रात दिल्ली सरकार के तीन अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल, जग प्रवेश चंद्र अस्पताल और अरुणा आसफ अली अस्पताल का निरीक्षण किया। दिल्ली सरकार के अनुसार निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को मरीजों के इलाज व जांच के लिए सीधे बड़े अस्पतालों में रेफर करने के रूटीन से बचने के निर्देश दिए।
दिल्ली सरकार के तीन अस्पतालों के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मरीजों को डायरेक्ट बड़े अस्पतालों में रेफर करने के बजाय अस्पताल प्रशासन अपने स्तर पर भी छोटे अस्पतालों में अच्छे इलाज की सुविधा मुहैया कराने की कोशिश करें। दिल्ली के छोटे अस्पताल भी प्राइवेट लैब में मरीजों को एमआरआई, सीटी स्कैन, रेडियो न्यूक्लियोटाइड स्कैन सहित अन्य टेस्ट के लिए भेज सकते हैं। दिल्ली आरोग्य कोष (डाक) के तहत ये सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है। सीएम अरविंद केजरीवाल का आदेश है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को इलाज व मेडिकल टेस्ट के लिए दर-दर न भटकना पड़े। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिको-लीगल मामलों में कानूनी प्रक्रिया तुरंत पूरा होते ही मरीजों को तत्परता से राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। साथ ही अस्पताल प्रशासन को अव्यवस्थाओं को दूर कर मरीजों को किफायती व गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने और साफ-सफाई की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए भी स्वास्थ्य मंत्री ने कहा। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अनुपस्थित डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ होगी उचित कार्रवाई
दिल्ली सरकार के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली सरकार के तीन अस्पतालों में व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अस्पतालों के विभिन्न वार्डों का दौरा किया। इलाज करा रहे मरीजों से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और अस्पतालों की व्यवस्थाओं को बारीकी से जांचा। इस दौरान अस्पतालों में कई वरिष्ठ डॉक्टर्स नदारद मिले, इस पर नाराजगी जताते हुए स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अनुपस्थित डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अस्पतालों में कई बैड पर बैडशीट नहीं बदली गई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गंदी बेडशीट पर लेटने से मरीजों में संक्रमण की संभावना बनी रहना लाजिमी हैं। अस्पताल प्रशासन को निर्देशित किया गया कि मरीजों की बेडशीट को प्राथमिकता के आधार पर बदला जाए।