
अमित शाह ने सीबीआई के दुरुपयोग पर कांग्रेस को किया कठघरे में खड़ा
नई दिल्ली। विगत दिवस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्हें फंसाने और सलाखों के पीछे डालने के लिए सभी चालें चली गई थीं. अब मीडिया हाउस के कॉन्क्लेव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि केंद्र में तत्कालीन कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के तहत सीबीआई ने उस वक्त गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को फर्जी मुठभेड़ के मामले में फंसाने के लिए उन पर दबाव बनाया था. अमित शाह ने कॉन्क्लेव में कहा, मैं एक फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी था. वे मुझे आरोप मुक्त होने के लिए मोदी का नाम लेने के लिए कहते थे. 90 फीसदी से अधिक सवालों में वे (एजेंसियां) मुझसे मुक्त होने के लिए मोदी का नाम लेने के लिए कहती रहीं, लेकिन मैंने इंकार कर दिया और मुझे जेल हो गई. आज विपक्षी नेताओं के खिलाफ सबूत हैं
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसके बावजूद बीजेपी ने कभी होहल्ला नहीं मचाया. कभी काला कुर्ता, धोती और पगड़ी पहनकर विरोध-प्रदर्शन नहीं किया. शाह ने कहा, सोनिया गांधी कांग्रेस का नेतृत्व कर रही थीं और मनमोहन सिंह पीएम थे. कई निर्दोष पुलिस अधिकारियों को फंसाया गया था. उन्होंने कहा कि बाद में मुंबई की एक अदालत ने बरी कर दिया और अपने फैसले में कहा कि राजनीतिक कारणों से मुझे फर्जी मामले में फंसाया गया, लेकिन हमने कभी विरोध का सहारा नहीं लिया. गृह मंत्री ने कहा कि दूसरी तरफ आज विपक्षी नेताओं के खिलाफ सबूत हैं, जिन पर एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं. उन्होंने कहा, केजरीवाल पाक साफ होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया को जेल में काफी समय हो गया है. अगर वे निर्दोष हैं, तो उन्हें जमानत क्यों नहीं मिल रही है.
अयोग्यता के मसले पर पहले तो लोकतंत्र खतरे में नहीं पड़ा, फिर अब कैसे
राहुल पर कटाक्ष करते हुए अमित शाह ने कहा, जब अन्य सांसदों को अयोग्य घोषित किया गया था, तब लोकतंत्र खतरे में क्यों नहीं था? जब उन्हीं ने दोषी सांसदों को राहत देने वाला अध्यादेश फाड़ा था, तो अब वह अपनी छाती क्यों पीट रहे हैं?. शाह ने कहा, जो भी हुआ उसके लिए पीएम मोदी को दोषी ठहराया गया, जबकि लोकसभा अध्यक्ष के पास किसी सांसद की अयोग्यता को रोकने का कोई अधिकार नहीं था. वीर सावरकर के खिलाफ राहुल की टिप्पणी के बारे में शाह ने कहा कि उन्हें वीर सावरकर के लिए ऐसे शब्द नहीं कहने चाहिए. उन्होंने कहा, सावरकर ने देश के लिए बहुत बलिदान दिया है. अब तो उन्हें उनके अपने गठबंधन सहयोगियों ने सावरकर के खिलाफ नहीं बोलने का सुझाव दिया है.