
देश में भारतीय नौसेना अपने बेड़े में दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को तैनात करने जा रही है
नई दिल्ली. भारत ने देश की सीमा पर आंख उठाने वालों का परमानेंट इलाज कर दिया है। भारत के इस कदम से चीन तो चित हुआ ही है पाकिस्तान भी परेशान नजर आ रहा है। भारत के इस कवच का नाम ब्रह्मोस है। भारतीय सेना लेह-लद्दाख से लेकर समुंद्र तक चीन की हर चालबाजी का जवाब देने के लिए कमर कस चुकी है और अब भारतीय नौसेना के एक फैसले ने चीन की टेंशन बढ़ा दी दी है। समुंद्र में चीन को जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना अपने बेड़े में दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को तैनात करने जा रही है। भारतीय नौसेना अपनी ताकत में और इजाफा करने जा रही है। नौसेना अपने जंगी जहाजों के लिए 200 से ज्यादा ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों का ऑर्डर देने जा रही है। इन मिसाइलों को समुंद्र में फ्रंटलाइन युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा।
इन मिसाइल्स की कीमत करीब 20 हजार करोड़ रुपये है। भारतीय नौसेना जल्द ही इन मिसाइल्स का ऑर्डर देने जा रही है। यह रक्षा मंत्रालय में आखिरी चरण में है और जल्द ही रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में इस पर चर्चा होने जा रही है। ब्रह्मोस की तैनाती के बाद हिंद महासागर के पास गश्त लगाते चीन के जहाज अब ऐसी हिमाकत में बारे में सोचेंगे भी नहीं। इन 200 सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को सभी फ्रंट लाइन युद्ध पोतों पर तैनात किया जाएगा।
जल्द ही इस प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है। भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए ब्रह्मोस एंटी शिप अटैक ऑपरेशन में काम आने वाला अहम हथियार है। समुंद्र में दुश्मनों से निपटने के लिए ब्रह्मोस एक अहम
हथियार है।