
चंडीगढ़ दिनभर
बेंगलुरु कर्नाटक में भारी बहुमत के साथ विधानसभा चुनाव जीतने के बाद एक संकट में फंस गई है। शायद विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान को अंदाजा ना रहा हो कि जीत के बाद इस कदर पार्टी के अंदर ही दो गुट बन जाएंगे। रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक यही फैसला करने के लिए हुई थी कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा लेकिन बैठक में भी गहमागहमी के बाद कोई फैसला नहीं हो सका। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के समर्थकों में मतभेद की वजह से मल्लिकार्जुन खड़गे को भी निराश होना पड़ा।
चुनाव से पहले जिस तरह से सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार साथ में हाथ थामे नजर आते थे, दरअसल उसमें भी महत्वाकांक्षा का विरोध छिपा था जो कि जीत के बाद खुलकर सामने आ गया। अब ना तो सिद्धारमैया पीछे हटने को तैयार हैं और ना ही डीके शिवकुमार। रविवार को मीटिंग हॉल में भी जमकर नारेबाजी और हंगामा हुआ। अब बारी है कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे और गांधियों की जिन्हें देखना है कि कैसे इस घमासान को रोका जा सकता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री का शपथग्रहण 18 मई को आयोजित किया जा सकता है।