
चंडीगढ़ दिनभर
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आबकारी घोटाले का मामला अभी शांत नहीं हुआ था वहीं दूसरा मामला सामने आने लगा है। इस बार दिल्ली पुलिस के ऊपर 350 करोड़ से ज्यादा घोटले का आरोप लगा है। दिल्ली पुलिस को वित्त वर्ष 2022-2023 में मेंटनेंस कार्य के नाम पर 350 करोड़ से ज्यादा रूपए घोटाला करने का मामला सामने आया है। माइनर वर्क के 150 करोड़ और प्रोफेशनल सर्विसेज के करीब 200 करोड़ के फंड का दुरुपयोग किए जानें के मामले में पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सर्तकता विभाग को जांच करने के आदेश दिए हैं।
दिल्ली पुलिस हाउसिंग निगम द्वारा किए गए आडिट में पूरा घोटाला खुला है। इसकी जानकारी मिलने के बाद आयुक्त ने कार्रवाई की है। आयुक्त के निर्देश पर प्रोविजन एंड फाइनेंस डिविजन के विशेष आयुक्त लालतेंदू मोहंती ने जिले व विभिन्न यूनिटों में तैनात 40 डीसीपी व एडिशनल डीसीपी से खर्चों का पूरा ब्योरा पेश करने को कहा है। घोटाले के इस मामले ने पुलिस विभाग में खलबली मचा दी है।सूत्रों के मुताबिक डीसीपी से पूछा गया है कि उन्होंने प्रोफेशनल सर्विसेज के फंड का किस-किस कार्य के लिए इस्तेमाल किया है।
सूत्रों की मानें तो जिले व यूनिटों के डीसीपी ने प्रोफेशनल सर्विसेज के फंड का मूल उद्देश्य में खर्च करने के बजाए ज्यादातर खर्च माइनर वर्क जैसे थानों, पुलिस कालोनियों व अधिकारियों के कार्यालयों आदि की रंगाई पुताई में दिखा दिया।खर्चे का बिल कई गुना ज्यादा दिखाकर हेराफेरी करने की जानकारी पुलिस आयुक्त को मिली है।सूत्रों के मुताबिक माइनर वर्क के लिए बीते 29 मार्च को 150 करोड़ का बजट दिया गया। मुख्यालय को पता चला कि माइनर वर्क का पैसा डीसीपी थानों, कालोनियों व कार्यालयों के रिपेयर के काम में लगा रहे हैं और मेंटेनेंस का फर्जी बिल पेश कर भुगतान लेने जा रहे हैं। आयुक्त के निर्देश पर विशेष आयुक्त लालतेंदु मोहंती ने आनन-फानन में सभी डीसीपी को वायरलेस मैसेज भेज भुगतान लेने से पहले बिल के बारे में जानकारी मांग ली।