
एनआईए शुरू कर रहा जांच, सेना के वाहन पर तीन तरफ से फायरिंग कर बाद में ग्रेनेड से हमला किया गया था
चंडीगढ़ दिनभर
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान और उसके पोषित पल्लवित आतंकी संगठन हिंसा फैलाने के अपने नापाक इरादों में सफल नहीं हो पाए। भारतीय सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन ऑलआउट में आतंकियों को चुन-चुन कर मारने की रणनीति और तेज कर दी. इस बीच भारत को जी20 की अध्यक्षता की मौका मिला और अब दो बैठकें लेह और श्रीनगर में होने जा रही हैं. बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी आ रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तान की भारत विरोधी चालें नए सिरे से परवान चढऩे लगी हैं ताकि वैश्विक बिरादरी को संदेश दिया जा सके कि जम्मू-कश्मीर में हालात ठीक नहीं हैं.
गुरुवार को राजौरी जिले के पुंछ में हुए आतंकी हमले के पीछे जैश का हाथ है. जैश समर्थित पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ले ली है. इस बीच आतंकी हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी का दल भी पुंछ पहुंच रहा है. जनवरी में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा था कि घाटी में आतंकवाद रोधी ग्रिड मजबूत होने के बावजूद पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में घुसपैठ के प्रयासों की घटनाएं हुई हैं. राजौरी सेक्टर जहां गुरुवार को हमला हुआ वास्तव में पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में आता है.
उन्होंने कहा कि फरवरी 2021 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ संघर्ष विराम समझौता नियंत्रण रेखा और पश्चिमी सीमाओं पर अच्छी तरह से कायम है. हालांकि आतंकवाद और आतंकी बुनियादी ढांचे को सीमा पार समर्थन एक मुद्दा बना हुआ है. गौरतलब है कि गुरुवार का आतंकी हमला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 13 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के एक हफ्ते बाद हुआ है. उन्होंने मई में श्रीनगर में होने वाली जी20 बैठक की तैयारियों की भी समीक्षा की और सभी एजेंसियों से आयोजन की सफलता के लिए समन्वित तरीके से काम करने को कहा था.