
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार (2 मार्च) को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य की कानून-व्यवस्था पर उनके साथ चर्चा की उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियां कानून-व्यवस्था से जुड़े सभी मुद्दों से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगी. बता दें कि सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने के लिए सीआरपीएफ और इसकी विशेष दंगा-रोधी इकाई के लगभग 1,900 जवानों को पंजाब भेजा जा रहा है. सूत्रों ने बताया कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर बातचीत के दौरान मान ने अजनाला घटना से जुड़ी परिस्थितियों के बारे में शाह को अवगत कराया. अमृतसर के अजनाला में 23 फरवरी को स्वयंभू सिख उपदेशक और खालिस्तान से सहानुभूति रखने वाले अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक अपने एक साथी की रिहाई के लिए एक थाने में पुलिसकर्मियों के साथ उलझ गए थे. इन प्रदर्शनकारियों के हाथों में तलवारें और बंदूक थीं. पुलिस को प्रदर्शनकारियों को आश्वासन देना पड़ा था कि वह अमृतपाल सिंह के सहयोगी और अपहरण मामले में आरोपी लवप्रीत सिंह को रिहा करेगी. पंजाब में 6 से 16 मार्च तक तैनात रहेंगी सेंट्रल फोर्स की 18 कंपनियां मान ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्र और पंजाब कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मिलकर काम करेंगे.’’ वहीं, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले हफ्ते सेंट्रल फोर्स की 18 कंपनियों को पंजाब में तैनाती का निर्देश दिया था ताकि कानून और व्यवस्था बनाए रखने में राज्य सरकार की सहायता हो सके. इन 18 टुकडिय़ों में से आठ को दंगा-रोधी रैपिड एक्शन फोर्स से लिया गया है. इन कंपनियों की कुल क्षमता लगभग 1,900 जवानों की है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि इन कंपनियों को 6 से 16 मार्च तक पंजाब में तैनाती का काम दिया गया है. वहीं, राज्य और केंद्र के बीच परामर्श के बाद उनकी तैनाती की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है. यह भी बताया गया कि कंपनियां 8 से 10 मार्च तक मनाए जाने वाले तीन दिवसीय सिख त्योहार 'होला मोहल्ला' के दौरान सुरक्षा ड्यूटी में पंजाब पुलिस की सहायता करेंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री के साथ चर्चा के दौरान सीमा पर ड्रोन की बढ़ती गतिविधियों और मादक पदार्थों से जुड़े मुद्दे भी उठाए. मान ने कहा कि उन्होंने शाह से पंजाब की लंबित ग्रामीण विकास निधि को भी शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया. केंद्र सरकार के अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियां फिर सामने आने के मद्देनजर पंजाब की स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है।