
डॉ. शिक्षा के महाकुंभ के लिए तैयारियां शुरू
चंडीगढ़ दिनभर जालंधर। वेदों की रचना स्थली पंजाब में प्राचीन काल से ही ज्ञान सृजन की परंपरा रही है। गुरुओं की शिक्षा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उस समय थी. पंजाब के ज्ञान सृजन की परंपरा को आगे बढ़ाना है।
शिक्षा के महाकुंभ रेज-2023 का आयोजन 9 से 11 जून तक डॉ. बी.आर.अंबेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नालाजी जालंधर में सर्वहितकारी शिक्षा समिति (विद्या भारती पंजाब) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
यह जानकारी विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री विजय नड्डा ने दी। नड्डा ने कहा हमारी शिक्षा नीति बाल आधारित भारत केन्द्रित होनी चाहिए। इससे पूर्व भारत सरकार द्वारा जारी की गई शिक्षा नीतियां भी श्रेष्ठ थीं लेकिन उनका क्रियान्वयन नहीं किया जा सका और वे सभी शिक्षा नीतियां फाइलों में ही बंद होकर रह गईं।
विद्या भारती आखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के कार्यकर्ता अपनी पूर्ण शक्ति, क्षमता और योजना से इस शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में लगे हैं। आयोजन में स्वदेशी जागरण मंच, विज्ञान भारती और पंजाब टेक्नीकल यूनिवर्सिटी की भी सहभागिता रहेगी। इससे पूर्व सर्वहितकारी शिक्षा समिति के डिपार्टमेंट ऑफ़ होलिस्टिक एजुकेशन के डायरेक्टर ठाकुर सुदेश कुमार रौनिजा ने इस शैक्षिक महाकुंभ की भूमिका रखते हुए पत्रकारों को बताया कि स्कूली और उच्च शिक्षा में तालमेल की अत्यधिक आवश्यकता है। रेज-2023 स्कूली शिक्षा में नवीनतम शोधों, तकनीकों और प्रवृतियों को प्रकट करने का एक श्रेष्ठ मंच सिद्ध होने वाला है। छात्रों को प्रारंभ से ही एक उचित दिशा में ले जाने की योजना करनी चाहिए। ताकि उनका तमाम समय कालेज की शिक्षा प्राप्त करने में ही व्यर्थ न हो जाए। सुदेश ने कहा कि इस आयोजन में देश के प्रसिद्ध शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, प्रशासनिक अधिकारियों, अनेक केन्द्रीय मंत्रियों का मार्गदर्शन प्राप्त होना है। विशाल शैक्षिक आयोजन में प्रत्यक्ष रूप से 10 हजार शिक्षाविद और छात्र जबकि 5 लाख लोग ऑनलाइन जुडऩे वाले हैं। प्रो. विनोद कनौजिया ने कहा कि एन.आई.टी. जालंधर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करवाने में पूर्ण सहयोग करेगा।