छतबीड़ चिडिय़ाघर

चंडीगढ़ दिनभर
छतबीड़ चिडिय़ाघर में आपको नए मेहमान देखने को मिलेंगे। इनमें सात जानवर शामिल हैं। जीरकपुर के सैंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया नियमों अनुसार छतबीड़ चिडिय़ाघर में एनिमल एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत नए जानवर हैदराबाद से लाए गए हैं जो यहां आने वाले सैलानियों का भरपूर मनोरंजन करेंगे।
यह नेहरू पार्क हैदराबाद से लाए गए हैं। सात नए जानवरों में स्लोष भालू नर और मादा शामिल है। यह भालू हर स्थिति को आसानी से अपना लेता है। यह भालू दक्षिण एशिया और भारत के गर्म माद्रीय मैदानी पास व जंगलों में रहते हैं।
चिडिय़ाघर में दो जोड़े दलदली मगरमच्छ आए हैं, यह मगरमच्छ मध्यम आकर के हैं, जिन्हें मगगर मगरमछ भी कहा जाता है। यह दक्षिणी ईरान के भारतीय महाद्वीप में रहते हैं और साफ सुथरे पानी में रहना पसंद करते हंै और यह दलदल, झीलों, नदियों, वा साफ तालाबों वा विशेष तौर से तैयार किए गए पाउंड में रहता है। एक बोनट मकाक का एक जोड़ा भी मिला है बोनट मकाक बंदरों की ही एक प्रजाति है।
यह सभी जानवर हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क से लाए गए है तेलंगाना में गोल्डन सियार, चौसिंगा, माउस हिरण , सार्स क्रेन , सफेद कबूतर, सिल्वर तीतर और गरे पालिकन की अन्य प्रजातियों की एक जोड़ी शामिल है। छतबीड़ चिडिय़ाघर में लाए गए इन जानवरों के लिए स्पेशल बाड़े तैयार किए गए हैं और उन में शिफ्ट कर दिया गया है। जो जल्द हो सैलनियों के लिए अपने अपने बाड़ों में खेलते हुए नजर आएंगे। उपरोक्त जानवरों के आदानप्रदान प्रकियों में छतबीड चिडिय़ाघर से हैदराबाद चिडिय़ाघर को एक भारतीय लोमड़ी, तीन चिंकारा, दो गोरल, दो सार्स क्रेन, चार गोल्डन तीतर, चार करलीज तीतर, चार ब्लॉसम हेडेड पैराकोट, दस नॉब बिलेड डक, दस पेटेड सार्स, दिए गए हैं।

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