
कॉमरेड बलविंदर सिंह संधू हत्याकांड का मामला
चंडीगढ़ दिनभर
पंजाब के तरनतारण जिले में शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता कामरेड बलविंदर सिंह संधू की हत्या के मामले में मोहाली की विशेष एनआईए कोर्ट ने आज खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के दो आतंकवादियों की जमानत याचिका रद्द कर दी। यह फैसला एनआईए कोर्ट के स्पेशल जज राकेश कुमार गुप्ता ने सुनाया। जानकारी के मुताबिक तरनतारण जिले के रहने वाले उक्त दोनों आरोपी हरभिंदर सिंह उर्फ पिंदर और नवप्रीत सिंह उर्फ प्रीत 21 जून 2021 से फरीदकोट की सेंट्रल जेल में बंद है। कोर्ट का मानना है कि उक्त दोनों आरोपियों का पाकिस्तान की खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के चीफ लखबीर सिंह रोडे के साथ सीधा संपर्क था और दोनों ने उसकी प्लानिंग के अनुसार ही शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता कामरेड बलविंदर सिंह संधू की हत्या करवाई थी। दोनों आरोपियों का खालिस्तानी इंदरजीत सिंह उर्फ इंदर के साथ सीधा कनेक्शन था और उसके कहने पर दोनों के स्टूडेंट का भेष धारण कर एवरग्रीन स्कूल (डीएवी स्कूल), भिखीविंड के सीसीटीवी कैमरों की जानकारी खालिस्तान लिबरेशन फोर्स तक पहुंचाई, जिससे यह साबित होता है कि उक्त दोनों आरोपियों का कामरेड बलविंदर सिंह संधू की हत्या में पूरा हाथ है। इसके अलावा दोनों आरोपियों ने कामरेड बलविंदर सिंह संधू की हर एक गतिविधियों को भी खालिस्तान लिबरेशन फोर्स तक पहुंचाया था।
अक्टूबर 2020 में की गई थी हत्या
शौर्य चक्र से सम्मानित कॉमरेड बलविंदर सिंह संधू की अक्टूबर 2020 में तरनतारन जिले के भिखीविंड में उनके घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पहले यह मामला तरनतारन पुलिस की तरफ से देखा जा रहा था, लेकिन बाद में आतंकवाद का एंगल सामने आ गया। इसके बाद मामले को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया था।
शौर्य चक्र से सम्मानित थे संधू
संधू को 1990 के दशक में राज्य में आतंकवाद के खिलाफ लडऩे के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। हत्या के बाद पुलिस ने आरोप लगाया कि संधू को मारने की साजिश प्रतिबंधित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और कुछ पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा रची गई थी।