
महिमामण्डन से बचें और हर भाषा का सम्मान करें
चंडीगढ़ दिनभर चंडीगढ़
स्नातकोत्तर राजकीय कन्या महाविद्यालय सैक्टर-42, चण्डीगढ़ में “मीडिया में भाषा का महत्त्व” विषय पर एक विस्तार व्याख्यान आयोजित किया गया जोकि हिन्दी और संस्कृत विभाग के पारस्परिक सहयोग से और आईक्यूएसी सैल की पहल के तहत किया गया था। इसमें मुख्य वक्ता के तौर पर पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ के हिन्दी विभाग से डॉ. गुरमीत सिंह (एसोसियेट प्रोफेसर) विशेष तौर पर उपस्थित हुए।सर्वप्रथम मुख्य वक्ता का प्राचार्या प्रो निशा अग्रवाल जी के साथ हिन्दी तथा संस्कृत विभाग के संकाय सदस्यों द्वारा हरित स्वागत किया गया।इसके बाद प्रो.(डॉ.) लखवीर सिंह, अध्यक्ष, संस्कृत विभाग ने विस्तार से मुख्य वक्ता के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. गुरमीत सिंह ने अपने वक्तव्य में मीडिया और भाषा के पारस्परिक सम्बन्ध पर विस्तार से बात करते हुए विद्यार्थियों को भाषा की सरलता और इसके प्रायौगिक संबंध पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि हमें सबसे ज़्यादा ज़रूरत है भाषा को सीखने कि जोकि हम सीखने से कतराते हैं या आलस हो जाते हैं। इसके अलावा उन्होंने अपनी विदेश यात्राओं उज़बेकिस्तान और इटली की यात्राओं के अनुभवों पर व्यापक चर्चा की।उन्होंने भाषा की शुद्धि और सम्प्रेषणीयता के महत्त्व से विद्यार्थियों को अवगत करवाया।इसके बाद मुख्य वक्ता ने विषय से सम्बन्धित और उनकी जिज्ञासा से संबंधित सवालों का समाधान किया।इस कार्यक्रम में हिंदी और संस्कृत की छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर भाषा तथा मीडिया को लेकर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता भी करवायी गई जोकि आकर्षण का मुख्य कारण रही।धन्यवाद ज्ञापन डॉ. हरप्रीत कौर ने किया।