
सीएम भगवंत मान ने ली समीक्षा बैठक
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी से पहले उसपर काफी दबाव बनाया गया था। इसको लेकर सीएम भगवंत मान के साथ भी बैठक की गई थी। मान ने मंगलवार को पंजाब पुलिस के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। अधिकारी ने कहा कि सीएम ने पंजाब पुलिस अधिकारियों के साथ एक कानून और व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुए ऑपरेशन की समीक्षा की गई जिसमें एनएसए के बंदियों को सफलतापूर्वक पकड़ा गया था।
जिन अधिकारियों ने अच्छा काम किया, उन्हें सीएम द्वारा प्रेरित और प्रोत्साहित किया गया। पंजाब के डीजीपी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सीएम ने पंजाब पुलिस की भूमिका की सराहना की कि बिना एक भी गोली चलाए या किसी भी जान-माल को नुकसान पहुंचाए बिना पंजाब में शांति बनाए रखी गई। पंजाब पुलिस राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पूछे जाने पर कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया था, उसने आत्मसमर्पण कर दिया था, पंजाब के डीजीपी ने कहा कि उसे गिरफ्तार किया गया था। मोरिंडा के एक गुरुद्वारे में बेअदबी की घटना पर उन्होंने कहा कि बेअदबी बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
ऐसा करने वाले को गिरफ्तार कर लिया गया है। अगर कोई साजिश हुई है तो हम गहराई से उसका पर्दाफाश करेंगे। करीब एक महीने तक पीछा करने के बाद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने रविवार को मोगा में गिरफ्तार किया और बाद में असम के डिब्रूगढ़ जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। स्वयंभू उपदेशक 18 मार्च से पंजाब पुलिस से बच रहा था। पहले गिरफ्तार किए गए अमृतपाल के नौ सहयोगी भी डिब्रूगढ़ जेल में बंद थे। इससे पहले रविवार को अमृतपाल को पंजाब के मोगा जिले के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया था और कथित तौर पर गिरफ्तारी से पहले उन्होंने एक सभा को भी संबोधित किया था। अधिकारियों के मुताबिक, पंजाब पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से गिरफ्तारी की गई है।
कट्टरपंथी उपदेशक तरसेम सिंह के पिता ने कहा कि अमृतपाल राज्य में लोगों को नशे के खतरे से बचाने के लिए काम कर रहा है। अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने बताया टीवी के माध्यम से हमें पता चला कि उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। हम यही चाहते थे क्योंकि उसके कारण लोगों को परेशान किया जा रहा था। हम केस लड़ेंगे। पूरे समुदाय को इसे लडऩा चाहिए। वह लोगों को नशे से बचाने के लिए काम कर रहा था।