
चंडीगढ़ दिनभर चंडीगढ़
करनाल। श्री कृष्णा मंदिर काछवा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतर्गत श्री हित जीवनबल्लभ महाराज ने भगवान के चौबीस अवतारों का वर्णन किया। उन्होंने भागवत के प्रदुर्भाव की कथा श्रवण कराई। इस अवसर पर चौधरी रघुबीर चंद नागपाल अपने परिवार सहित मुख्य यजमान के रूप में उपस्थित रहे। आगे महाभारत का वर्णन करते हुए कुंती स्तुति और भीष्म स्तुति की कथा को श्रवण कराया और अंत मे परिक्षित जन्म की कथा श्रवण कराते हुए बताया कि जब परिक्षित को सात दिन में मरने का श्राप मिला और और मुक्ति का जब कोई उपाय नहीं सूझ रहा था तब शुकदेव जी का आगमन हुआ।
भागवत कथा के माध्यम से सप्त दिवस में मोक्ष को प्राप्त कराया। जीवनबल्लभ महाराज ने कहा कि मानव जीवन का परम लक्ष्य भगवान श्री कृष्ण की प्रेममयी भक्ति करना है। जब मनुष्य बिना किसी स्वार्थ के भगवान श्री कृष्ण की प्रेम मई भक्ति करता है तो उसके जीवन में शांति और आनंद आते हैं और उसे भगवान की अनुकम्पा प्राप्त होती है। जब तक भक्ति बिना किसी लालसा से नहीं की जाएगी तब तक जीवन में शांति का आनंद नहीं आएंगे।