
ऑपरेशन सेल ने पकड़े पांच आरोपी
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। फर्जी फर्म बनाकर उसमें पैसे ट्रांसफर कर हरियाणा रोडवेज में एक करोड़ 9 लाख का घोटाला करने वाले 5 आरोपियों को चंडीगढ़ ऑपरेशन सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान हरियाणा के जिला भिवानी निवासी प्रह्लाद, महेंद्रगढ़ निवासी रतन ङ्क्षसह, जिला चरखीदादरी के राजकुमार, राजस्थान के जिला चुरू के विनोद और दिल्ली के अंकुर के रूप में हुई है। ऑपरेशन सेल का दावा है कि आरोपियों से पूछताछ में इस घोटाले संबंधी कई और खुलासे हो सकते हैं। इन पांचों से पहले पुलिस इस मामले में क्लर्क संजय को गिरफ्तार कर चुकी थी। संजय वर्कशॉप की बिलिंग का काम करने वाली टीम में शामिल था।
हरियाणा रोडवेज वर्कशॉप इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 के जनरल मैनेजर आरके गोयल ने पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने लिखा था कि संजय कुमार ने उनके सेंट्रल वर्कशॉप करनाल और हरियाणा इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन गुरुग्राम के बिलों में कुछ गड़बड़ी कर गबन किया है। पहले केस की जांच चंडीगढ़ र्ईओडब्ल्यू के पास थी। अब जांच ऑपरेशन सेल के डीएसपी जसबीर ङ्क्षसह को सौंपा दिया गया है।
फर्जी फर्म में करते थे पैसे ट्रांसफर
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने पहले एक फर्जी फर्म बनाई ताकि उसमें पैसे ट्रांसफर किए जा सकें। हरियाणा रोडवेज की वर्कशाप के लिए कुछ सामान प्राइवेट फर्म से आता था। जब इस सामान का बिल बनाया जाता था तो आरोपी संजय उस सामान को अलग-अलग फर्जी फर्मों के अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था। लेकिन जब उच्चाधिकारियों को पता चला कि एक करोड़ 9 लाख के बिल पेंडिंग हैं तो उन्होंने विभागीय स्तर पर इसकी जांच करवाई। तब पता चला कि उनकी ओर से तो पेमेंट्स समय पर कर दी गई हैं लेकिन फर्म की ओर से बिल नहीं भेजे जा रहे। इसके बाद एक जांच कमेटी गठित की गई। कमेटी ने जांच के बाद जो रिपोर्ट सौंपी वो चौंकाने वाली थी। इस जांच के बाद पता चला कि जो पेमेंट्स दी गई हैं वो किसी अन्य फर्म को ट्रांसफर की गई हैं। इसके बाद शिकायत चंडीगढ़ पुलिस हेडक्वार्टर सेक्टर-9 पुलिस विंडो में दी गई। जांच का जिमा इकोनोमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) को सौंप दिया गया। जांच के बाद केस दर्ज किया गया।