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चंडीगढ़ दिनभर : पंचकूला
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) हरियाणा के अलग अलग शहरों में कई सालों के बाद 100 करोड़ रुपए के प्लॉट्स का ड्रॉ लेकर आ रहा है, जिसमें पंचकूला, करनाल, गुरुग्राम, यमुनानगर, रोहतक, अंबाला, कुरुक्षेत्र सहित आधा दर्जन शहरों को शामिल किया जा रहा है। गौरतलब है कि एचएसवीपी ने कई साल पहले प्रदेश के कई शहरों के सेक्टरों को डेवलप करने के लिए जिन किसानों की जमीनों को एक्वायर किया था, उनमें से कई कुछ किसानों को अभी भी तक उनका हक नहीं मिल पाया है। यानि शहर बसाने के नाम पर जब उनकी जमीन को एक्वायर किया जा रहा था, तो उन्हें आउस्टी कोटे के तहत प्लॉट देने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया।

अब कई सालों के बाद एचएसवीपी आउस्टी कोटे के प्लॉट्स का ड्रॉ निकालने जा रहा था। इसमें शहर के कुछ प्लॉट्स को शामिल किया जाएगा। इसके बाद आवेदकों की ओर से अप्लाई करने के बाद उन्हें इस ड्रॉ में शामिल किया जाएगा। एचएसवीपी और किसानों के बाद पहले तो जमीन के रेट और उसके बाद आउस्टी कोटे के प्लॉट्स को लेकर कोर्ट में केस लडे जा रहे हैं, जिसमें से ज्यादातर में फैसले आ चुके हैं। ऐसे ही कुछ मामलों को भी इस बार होने वाले ड्रॉ में शामिल किया जा रहा है।
बता दें कि अप्लाई करने के लिए एचएसवीपी के इस्टेट ऑफिस से फॉर्म लेना होगा या फिर फार्म को ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है। इस फॉर्म को जमा करने के साथ 50 हजार रुपए फीस जमा करानी होगी। इसके बाद ही एचएसवीपी सभी एप्लीकेशन को लेकर ड्रॉ निकालेगा। ड्रॉ के बाद एचएसवीपी के अफसरों की कमेटी स्क्रूटनिंग करेगी और प्लॉट अलॉट होगा। जिन लोगों को पहले ही आउस्टी कोटे में प्लॉट मिले हैं, उन्हें दोबारा प्लॉट नहीं मिलेगा। एचएसवीपी के नियमों के अनुसार जिन लोगों की जमीन जिस सेक्टर के लिए इस्तेमाल की गई है, उनको उसी सेक्टर में प्लॉट मिलेगा, लेकिन प्लॉट्स की दिक्कतें आने के बाद इसे शिफ्ट करने पर एडमिनिस्ट्रेटर लेवल के अधिकारी निर्णय ले सकते हैं। इसे एडजस्ट नहीं किया जा सकता है। हर सेक्टर में टोटल प्लॉट्स में से 5 प्रतिशत आउस्टी कोटे के प्लॉट्स हैं। 2 बीघा जमीन एक्वायर होने पर जमीन मालिक 2 मरला कैटेगरी, आधा एकड़ जमीन एक्वायर होने तक 6 मरला प्लॉट कैटेगरी, एक एकड़ जमीन एक्वायर होने पर 10 मरला कैटेगरी, एक एकड़ जमीन से ज्यादा एक्वायर होने पर 14 मरला प्लॉट के लिए अप्लाई किया जा सकता है।

ऐसे करना होगा भुगतान

2010, 2015, 2016, 2018 में हुए ऑर्डर और पॉलिसी के आधार पर प्लॉट मिलेंगे। नई पॉलिसी के अनुसार आवेदन के समय दिए गए 50 हजार रुपए प्लॉट की कीमत में एडजस्ट कर दिए जाएंगे। प्लॉट की कीमत की 25 प्रतिशत अमाउंट 30 दिन में देनी होगी। बाकी 75 प्रतिशत अमाउंट 180 दिनों में देनी होगी। ऐसा नहीं किया तो बिना नोटिस के ही प्लॉट को रिज्यूम या कैंसिल किया जा सकता है। अलॉटी को एचएसवीपी की पॉलिसी के हिसाब से इन्हांसमेंट का भुगतान भी करना होगा। इन प्लॉट्स को अगले 5 साल तक न तो ट्रांसफर किया जा सकता है और न ही बेचा जा सकता है।

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