
- ई-संजीवनी के माध्यम से घर द्वार पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध– यदि गंभीर बीमारी न हो तो सुविधा का उठाए लाभ।
- हैल्थ एण्ड वैलनेस सैंटर लोगों को उपलब्ध करवा रहे है बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाएं।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात के 98 वें संस्करण में कर चुके है ई-संजीवनी की सराहना।
चंडीगढ़ दिनभर शहजादपुर
ई-संजीवनी एप से टेली-परामर्श द्वारा यानी दूर बैठे डॉक्टर से अपनी बीमारी के बारे में सलाह ले सकते है। कोरोना काल में ई-संजीवनी एप के जरिये टेली परामर्श लोगों के लिए एक बड़ा वरदान साबित हुआ। इसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात के 98 वें संस्करण में गत दिवस कर चुके है। ग्रामीण इलाकों में इस एप के जरिये हेल्थ एण्ड वैलनेस सैंटर में तैनात सीएचओं (कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर) लोगों की बात चण्डीगढ़ पीजीआई और अम्बाला के नागरिक अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों से करवा कर उन्हें रोग के बारे में टेली परामर्श दिलवा रहे है।
इस बारे में सीएचसी शहजादपुर के एसएमओं डॉ0 तरूण प्रसाद ने बताया कि सीएचसी शहजादपुर में 12 हेल्थ एण्ड वैलनेस सैंटर में सीएचओं तैनात है जोकि ग्रामीण इलाकों में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ ही जिन लोगों को ई-संजीवनी एप के बारे में जानकारी नहीं है, उन्हें इस एप के बारे में जानकारी देने के साथ ही उनकी बात चण्डीगढ और अम्बाला में बैठे डॉक्टरों से करवाकर उन्हें उनके रोग सम्बंधी परामर्श दिलवा रहे है। इस प्रकार ई-संजीवनी योजना को कार्यरूप देने में भी यह सैंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। ऐसा ही एक हैल्थ एण्ड़ वैलनेस सैंटर गांव बिचपड़ी में चल रहा है जोकि लगभग 5 से 6 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है। इस सैंटर पर एक सीएचओं (कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर) व दो एएनएम कार्यरत है। सैंटर पर तैनात सीएचओं डॉ आरती तंवर ने बताया कि ई-संजीवनी के लिए जो लोग उनके पास आते है उनको वे जिला अस्पताल व पीजीआई चण्डीगढ के सम्बंधित डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए ऑन लाईन माध्यम से ई-संजीवनी की सुविधा उपलब्ध करवाती है।
सीएचसी शहजादपुर के एसएमओं डॉ. तरूण प्रसाद ने कहा कि ई-संजीवनी ओपीडी का मुख्य उदेश्य डिजिटलीकरण की मदद से उन व्यक्तियों को स्वास्थ्य सलाह प्रदान करना है जो किसी गंभीर रोग से ग्रस्त नहीं है और अपनी व्यस्तता के चलते वे अस्पताल नहीं आ सकते है। राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा के तहत लाभार्थियों को टेली परामर्श दिया जाता है। उन्होंंने कहा कि यदि आपको कोई गंभीर बीमारी नहीं है और आपको अपने स्वास्थ्य से जुड़े सामान्य रोगों की जांच के लिए डॉक्टरी परामर्श लेना है तो आप घर बैठें ही ई-संजीवनी ऐप का लाभ उठा सकते है। इस ऐप से कोई भी नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेते हुए घर बैठे गुणवत्ता पूर्ण डॉक्टरी सेवाएं नि:शुल्क प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार चिकित्सा सुविधा लोगों के घर द्वार पर ही उपलब्ध करवाई गई है। ऐसे में यदि कोई नागरिक गंभीर रोग से पीडि़त नहीं है व उसे अपने से जुड़े सामान्य रोग के लिए डॉक्टरी परामर्श लेना है तो वे राष्ट्रीय टेली कंसल्टेशन सेवा के तहत ई-संजीवनी ओपीडी एप्लीकेशन का प्रयोग कर राज्य में कार्यरत विशेषज्ञ चिकित्सकों से किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए इलाज व परामर्श एवं प्रिस्क्रिप्शन प्राप्त कर सकता है।
बॉक्स- सबसे पहले गूगल ऐप से ई-संजीवनी ऐप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद अपना मोबाइल नंबर ओटीपी के माध्यम से सत्यापित कर पंजीकरण कर सकेंगे। पंजीकरण के लिए नाम, पता, जेंडर, आयु आदि सूचनाएं ऐप में दर्ज करनी होंगी। एसएमओं ने कहा कि ऐप पर दी गई जानकारी के अनुसार पेशेंट आईडी और टोकन नंबर डालकर सिस्टम में लॉग इन करें। मरीज अपनी बारी का इंतजार करें और टोकन नंबर आने पर ऑनलाइन चिकित्सक से परामर्श प्राप्त करें। परामर्श के दौरान आप संबंधित चिकित्सक को परेशानी, बीमारी, लक्षण आदि के बारे में बताएं ताकि चिकित्सक आपको दवाएं सावधानी व परहेज आदि बता सकें। टेली कंसल्टेशन पूर्ण होने पर ई-प्रिस्क्रिप्शन प्राप्त करें, जिसके माध्यम से आप अपने किसी भी नजदीकी मेडिकल स्टोर से दवा प्राप्त कर सकेंगें। जरूरत होने पर आप फॉलोअप परामर्श भी ले सकते है। बता दें कि कोविड महामारी के दौरान विगत वर्ष जब लोग घरों से निकलकर अस्पताल नहीं जा पा रहे थे, तो उस समय टेलीमेडिसिन सेवाओं से उन्हें काफी मदद मिली थी। भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का ई-संजीवनी ओपीडी एक ऐसा ही पोर्टल है, जहां से लोग नि:शुल्क टेलीपरामर्श सेवाएं ले सकते है।