चंडीगढ़ दिनभर
कुरुक्षेत्र। अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी ने कहा कि अंत्योदय योजना के तहत समाज के जरूरतमंद और गरीब लोगों का उत्थान करने के लिए सरकार द्वारा योजनाएं तैयार की जाती है। इन योजनाओं द्वारा गरीब लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया करवाने का सरकार का लक्ष्य रहता है ताकि गरीब व्यक्ति अपना रोजगार स्थापित करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर सके। देखने में आया है कि निजी बैंक सरकार द्वारा स्पोंसर्ड स्कीमों में प्रार्थियों को ऋण के रुप में आर्थिक सहायता मुहैया करवाने में हमेशा गुरेज करते है। इस प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। निजी बैंकों को सरकार की योजनाओं के तहत योग्य प्रार्थियों को ऋण के रूप में आर्थिक सहायता मुहैया करवानी होगी।
एडीसी अखिल पिलानी मंगलवार को लघु सचिवालय के सभागार में 112वीं डीसीसी व डीएलआरसी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले एलडीएम राजीव रंजन ने एजेंडे के मदों को हाउस के समक्ष रखा और पिछली मीटिंग में की गई कार्रवाई के बारे में भी विस्तार से जानकारी मुहैया करवाई। इस दौरान एडीसी अखिल पिलानी, एलडीएम राजीव रंजन, रिजर्व बैंक चंडीगढ़ के एजीएम विक्रम ढांडा, एजीएम नाबार्ड दीपक जाखड़ ने वर्ष 2023-24 की क्रेडिट प्लान योजना के प्रस्ताव को सभी सदस्यों की सहमति से पारित किया। एडीसी ने कहा कि क्रेडिट प्लान 2023-24 के अनुसार कुरुक्षेत्र के सभी बैंकों को लक्ष्य दिए जाएंगे।
इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी बैंक अधिकारियों को बैंक स्तर पर योजना तैयार करनी होगी ताकि इस योजना के अनुसार लक्ष्यों को पूरा किया जा सके और लोगों को सरकार की योजनाओं का समय रहते लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना का लाभ योग्य प्रार्थी को देने के लिए बैंकों को पारदर्शी प्रणाली से कार्य करना होगा। इसके लिए बैंक अधिकारियों को योग्य प्रार्थियों तक पहुंच बनानी होगी। यह अधिकारी सरकार द्वारा स्पोंसर्ड केसों को वेरीफाई करने के बाद जल्द से जल्द ऋण की सुविधाा उपलब्ध करवाने का प्रयास करेंगे ताकि ऋण के माध्यम से योग्य प्रार्थी अपने कारोबार स्थापित कर सके।
इतना ही नहीं राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक ने वर्ष 2023 के लिए व्यापक पीएलवी संभाव्यताएं के तहत कृषि, फसल उत्पादन, कृषि संबंधित गतिविधियों, सूक्ष्म, लघु, मंझौले, निर्यात शिक्षा, आवास, नवीकरणीय उर्जा आदि के तहत ऋण प्रदान करने के लक्ष्य को पूरा किया जाए। उन्होंने एलडीएम को निर्देश दिए कि जो बैंक अधिकारी इस प्रकार की बैठकों को गंभीरता से नहीं लेते, उन बैंक अधिकारियों की रिपोर्ट, उन बैंकों के मुख्यालय भिजवाना सुनिश्चित करे। बैंकों के अधिकारियों को लंबित केसों को जल्द पुरा करने का प्रयास करना है।