
सरकार वोटिग मशीन में सैटिंग कर खत्म कर रही है मतदान की पारदर्शिता : विनोद सांगा
चंडीगढ़ दिनभर
भिवानी। जनसंख्या के अनुपात में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग के लोग आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद आज भी अपने हकों के लिए सडक़ों पर है, लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां इन वर्गो के लोगों को उनके हक दिए जाने की बजाए इन्ही सिर्फ वोटबैंक के रूप में देखती है। सरकार की इस अनदेखी एवं भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ एससी-बीसी वर्गो के लोगों में खासा रोष है तथा सरकार के खिलाफ बड़े संघर्ष की तैयारी में है।
इसी संघर्ष की रूपरेखा तैयार करने के लिए 18 जून को स्थानीय दादरी गेट न्यू हाऊसिंग बोर्ड के नजदीक स्थित डा. भीमराव अंबेडकर छात्रावास में एससी-ओबीसी महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इस महापंचायत को सफल बनाने के लिए पिछड़ा वर्ग नेताओं ने पूरी तरह से कमर कस ली है तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लिए निमंत्रण अभियान चलाया जा रहा है।
इसी कड़ी में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति एवं इंडियन मैडिकल प्रोफेशनल एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी विनोद सांगा के नेतृत्व में गांव कितलाना में निमंत्रण अभियान चलाया। इस मौके पर सुरेश प्रजापति एवं विनोद सांगा ने कहा कि ओबीसी की जाति आधारित जनगणना करवाने, एससी-ओबीसी की वंचित जातियों की संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी देने, एससी-एसीटी-ओबीसी का बैकलॉग पूरा करने, ओबीसी की क्रीमीलेयर समाप्त करने, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने, नीट में बांड पॉलिसी समाप्त करने, छात्र संघ चुनाव बहाल करवाने, ईवीएम की बजाए बैलेट पेपर से चुनाव करवाने, पिछड़ी जातियों को संख्या के अनुपात में राजनीतिक आरक्षण देने, एमएसपी का गारंटी कानून पास करने आदि मांगों को लेकर महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एससी-बीसी वर्ग के लोग अपने हकों से वंचित है तथा बार-बार सडक़ों पर उतरकर अपने हकों के लिए संघर्ष करते है, लेकिन उसके बाद भी स्थिति जस की तस है। इस मौके पर विनोद सांगा ने आरोप लगाया कि भाजपा वोटिंग मशीन में सैटिंग कर मतदान की पारदर्शिता पर भी प्रश्र चिह्न लगाने का काम कर रही है। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग से जुड़े विभिन्न मुद्दे इस महापंचायत में उठाएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि एससी-बीसी वर्गो के लोगों को एकजुट कर मजबूती से आवाज उठाने के लिए महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें इन वर्गो के प्रत्येक लोगों की भागीदारी आवश्यक है।