डॉ. तरूण प्रसाद 2023 06 07T110049.456

चंडीगढ़ दिनभर

मोहाली। पंजाब के जालंधर में साल 2015 में हुए कार बम ब्लास्ट से नामधारी सतगुरुओं को उड़ाने का मुख्य साजिशकर्ता व आरोपी पलविंदर सिंह उर्फ डिंपल को आज मोहाली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में अपनी बीमार व बुजुर्ग मां से मिलने की इजाज़त नहीं दी। यह फैसला मोहाली की विशेष सीबीआई कोर्ट के जज राकेश कुमार गुप्ता ने सुनाया।
कोर्ट ने अपनी जजमेंट में लिखा कि ऐसे यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर में से हैं और इस तरह से हैबिचुअल आरोपी को जेल से बाहर भेजना देश के लिए किसी खतरे से कम नहीं हैं।

आरोपी का वकील बोला, कैंसर के आखरी स्टेज पर है उसकी मां

जानकारी से मुताबिक उक्त आरोपी ने अपने वकील के जरिए सीबीआई कोर्ट में अर्जी लगाई थी कि वह पिछले चार साल से अपनी मां से नहीं मिला और उसकी मां की उम्र 90 साल से उपर है और वो इस समय कैंसर की आखरी स्टेज से गुज़र रही है। ऐसे में उसका अपनी मां से मिलना बेहद जरूरी है, लेकिन सीबीआई कोर्ट ने उसकी सभी दलीलों खारिज करते हुए उक्त आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

आरोपी ने साथी आरोपियों को तैयार करके दिया था टिफिन बम्ब

जानकारी के मुताबिक उक्त आरोपी ने इस मामले में आरोपियों को नामधारी सतगुरु उदय सिंह व अन्य सतगुरुओं को बम्ब से उड़ाने के लिए विशेष तौर से खुद अपने ही पैसों से उन्हें टिफिन बम्ब तैयार करके दिए थे और वह बम्ब कई दिनों तक दिल्ली स्थित अपने घर पर ही रखे थे, जिसके चलते उक्त आरोपी की इस जुर्म में अहम भूमिका है।

थाईलैंड से किया आरोपी को गिरफ्तार

बता दें कि सीबीआई ने आरोपी पलविंदर सिंह उर्फ डिंपल को थाईलैंड से गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने आरोपी की गिरफ्तारी के बारे में पंजाब पुलिस को सूचित कर दिया था। इस केस की तफ्तीश शुरू हुई तो पता चला कि इस मामले में नामधारी पलविंदर सिंह उफ़र् डिंपल का हाथ था। आरोपी नामधारी समुदाय के संत उदय सिंह की हत्या की साजिश रच रहे थे। यह विस्फोट इस साजिश की रिहर्सल का हिस्सा था। आरोपी हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में मानव बम से विस्फोट करने की तैयारी थी। इस सम्मेलन में नामधारी समुदाय के ठाकुर उदय सिंह को शामिल होना था लेकिन कुछ दिन पहले ही रिहर्सल के दौरान साजिश रचने वाले खुद इसके शिकार हो गए। मानव बम बनने की तैयारी कर रहा अजय अपने लाए बम के फट जाने से मारा गया। पुलिस ने इस मामले में भुलत्थ निवासी हरदीप सिंह को गिरफ्तार किया तो सारी सच्चाई सामने आई। पूछताछ में पता चला कि पहला बम टेस्टिंग, दूसरा वारदात और तीसरा बैकअप के लिए रखा गया था। टेस्टिंग की तैयारी के दौरान ही पहला बम फट गया। पलविंदर सिंह की गिरफ्तारी के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद सीबीआई द्वारा आरोपी के प्रत्यारोपण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे। टिफिन धमाके का मामला कई अन्य हाई प्रोफाइल मामले से जुड़ा होने के कारण तत्कालीन गठबंधन सरकार ने इसकी जांच सीबीआई के हवाले कर दी थी। वहीं सदगुरू उदय सिंह के करीबी साथी व नामधारी अवतार सिंह तारी को 2011 में भैणी साहिब में गोली मार कत्ल कर दिया गया था। मामले में भी डिंपी शक के दायरे में है।

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