डॉ रूपिन्द्र सिंह सैनी

चंडीगढ़ दिनभर: नारायणगढ़ नागरिक अस्पताल नारायणगढ़ के एसएमओं इंचार्ज डॉ रूपिन्द्र सिंह सैनी ने कहा कि अगर एनीमिया की पहचान जल्दी कर ली जाए तो उससे बचना आसान है।
भूख न लगना/जल्दी थक जाना/सांस फूलना, आंखों की निचली पलक के अन्दर के हिस्से का सफेद/फीकर पडऩा, नाखूनों का सफेद/फीका पडऩा, जीभ का सफेद/फीका दिखना तथा पैरों में सूजन आना प्रमुख लक्षण है। इसके अलावा चक्कर आना-विशेषकर लेटकर एवं बैठकर उठने में, बेहोश होना, सांस फूलना, हृदयगति का तेज होना। एनीमिया यानि शरीर में खून की कमी होने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। अगर समय रहते इस ओर ध्यान दिया जाए तो उन समस्याओं से बचा जा सकता हैं। महिलाएं और किशोरियांं जागरूकता के अभाव के कारण एनीमिया की शिकार होती हैं। एनीमिया तब होता है, जब शरीर के रक्त में लाल कणों या कोशिकाओं के नष्ट होने की दर, उनके निर्माण की दर से अधिक होती है। किशोरावस्था और रजोनिवृत्ति के बीच की आयु में एनीमिया सबसे अधिक होता है। गर्भवती महिलाओं को बढ़ते शिशु के लिए भी रक्त निर्माण करना पड़ता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को एनीमिया होने की संभावना अधिक रहती है। एनीमिया एक गंभीर बीमारी है। इसके कारण महिलाओं को अन्य बीमारियां होने की संभावना और बढ़ जाती है। एनीमिया से पीडि़त महिलाओं की प्रसव के दौरान मरने की संभावना सबसे अधिक होती है।
कारण-सबसे प्रमुख कारण लौह तत्व वाली चीजों का उचित मात्रा में सेवन न करना, मलेरिया के बाद जिससे लाल रक्त करण नष्ट हो जाते हैं। किसी भी कारण रक्त में कमी, जैसे- शरीर से खून निकलना (दुर्घटना, चोट, घाव आदि में अधिक खून बहना), शौच, उल्टी, खांसी के साथ खून का बहना, माहवारी में अधिक मात्रा में खून जाना, पेट के कीड़ों व परजीवियों के कारण खूनी दस्त लगना, पेट के अल्सर से खून जाना, बार-बार गर्भ धारण करना। उपचार तथा रोकथाम-अगर एनीमिया मलेरिया या परजीवी कीड़ों के कारण है, तो पहले उनका इलाज करें, लौह तत्वयुक्त चीजों का सेवन करें, विटामिन ए एवं सी युक्त खाद्य पदार्थ खाएं, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरी लड़कियों को नियमित रूप से 100 दिन तक लौह तत्व व फॉलिक एसिड की 1 गोली रोज रात को खाना खाने के बाद लेनी चाहिए। जल्दी-जल्दी गर्भधारण से बचना चाहिए। भोजन के बाद चाय के सेवन से बचें, क्योंकि चाय भोजन से मिलने वाले जरूरी पोषक तत्वों को नष्ट करती है, काली चाय एवं कॉफी पीने से बचें, संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छ पेयजल ही इस्तेमाल करें, स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करें, खाना लोहे की कड़ाही में पकाएं। गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, मूंगफली, अंडे, कुकुरमुत्ता (मशरूम), मटर व फलियां, चोकर वाला आटा, आलू, दालें, सूखे मेवे, मछली, मांस, बाजरा, गुड़, गोभी, शलजम, अनानास, अंकुरित दालों व अनाजों का नियमित प्रयोग करें।
एसएमओं डॉ रूपिन्द्र सिहं सैनी ने कहा कि शरीर में खून की कमी। हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है।

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