
चंडीगढ़ दिनभर
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत के शहरी क्षेत्रों की कुल आबादी के लगभग तीन करोड़ लोग ओबीज की श्रेणी में आ गए हैं। यही समय है कि लोगों में इसके बारे में जागरूकता पैदा की जाए। ताकि मोटापे से होने वाली गंभीर बीमारियों से बचा जा सके। आज बड़ों के साथ-साथ बच्चे और किशोर भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। मोटापे को कम करने में वेट लॉस सर्जरी की लेटेस्ट तकनीक एंडोस्कपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी कितनी कारगर सिद्ध होती है। दो दिन की सेकंड इंटरनेशनल इंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी की मास्टरक्लास, ब्राजील से एक्सपर्ट और भारत भर से जुटेंगे गैस्ट्रो सर्जन। डॉ राजन मित्तल व डॉ एसपीएस बेदी इंडस अस्पताल में इसका आयोजन करवा रहे हैं।
उन्होंने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में ब्राजीलियन सोसायटी डाइजेस्टिव एंडोस्कोपी के डॉक्टर एडुराडो ग्रीको व डॉ थियागो डिसूजा के संग पत्रकारों से रूबरू हो बताया कि एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी की मास्टरक्लास में देश भर से गैस्ट्रो एक्सपर्ट लाइव ट्रेनिंग के लिए आए हैं। एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी मोटापे के लिए की जाने वाली बेरियाट्रिक सर्जरी का नान सर्जिकल विकल्प है। डॉ. राजन मित्तल व डॉ. एसपीएस बेदी ने जानकारी दी कि यह एडवांस तकनीक इस क्षेत्र में सिर्फ इंडस अस्पताल में ही उपलब्ध है।
मोटापा एक लिमिट के बाद गंभीर बीमारियों को जन्म देता है और इसके लिए वेट लॉस सर्जरी की लेटेस्ट तकनीक यानी एंडोस्कपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी इससे निजात दिलाती है। डाइट एक्सरसाइज व औषधीय इलाज से उसका मोटापा कम हो सकता है या नहीं। हालांकि सभी तरीके अपनाने के बाद भी जब मोटापा नहीं घटता है तभी कोई आता है। बेरिएट्रिक सर्जरी से मरीज का वजन तो घटता ही है, साथ ही कई बीमारियों से भी राहत मिल जाती है। सर्जरी के लिए बॉडी मॉस इंडेक्स देखा जाता है।
भारत में बॉडी मॉस इंडेक्स 32 या 35 से अधिक हो तथा इसके साथ डायबिटीज या अन्य कोई बीमारी हो अथवा न भी हो तो भी व्यक्ति की सर्जरी जरूरी हो जाती है। मोबाइल में बीएमआई की एप में अपना वजन व हाईट सेंटीमीटर में डालें।