पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एनएमसी को मेडिकल कॉलेज की अनियमितताओं पर लगाई कड़ी फटकार
छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप, व्हाइट मेडिकल कॉलेज की बार-बार चूक पर उठे गंभीर सवाल
पठानकोट के व्हाइट मेडिकल कॉलेज में प्रवेश देने पर हाईकोर्ट ने एनएमसी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
पंजाब के पठानकोट स्थित व्हाइट मेडिकल कॉलेज को लगातार डिफॉल्टर पाए जाने के बावजूद छात्रों को प्रवेश देने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने एनएमसी पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि बार-बार चूक करने वाले कॉलेज को प्रवेश देने की अनुमति देना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इससे पहले भी कई बैचों के छात्रों को बीच सत्र में अन्य संस्थानों में स्थानांतरित किया जा चुका है।
एनएमसी, विश्वविद्यालय और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय द्वारा किए गए निरीक्षणों में कॉलेज में भारी कमियों का पता चला। कॉलेज में संकाय और रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी 90% तक पाई गई और अस्पताल में मरीजों की संख्या भी नगण्य रही। बावजूद इसके, एनएमसी ने 2021 और 2022 में बड़ी संख्या में छात्रों को प्रवेश दिया, जो कॉलेज के झूठे दावों पर आधारित था। इस स्थिति से माता-पिता और छात्रों में भारी रोष है, क्योंकि छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
माता-पिता द्वारा एनएमसी को दी गई शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कोर्ट ने एनएमसी की निरीक्षण प्रक्रिया की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें औचक निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन करना चाहिए और रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि एनएमसी को आत्मनिरीक्षण कर अपने फैसलों पर गहराई से विचार करना चाहिए और मेडिकल कॉलेजों को व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की तरह नहीं चलाया जा सकता।